इजराइल-हमास समझौता: युद्ध विराम और बंधकों की रिहाई पर सहमति, रविवार से लागू
बाबूशाही ब्यूरो
तेल अवीव 18 जनवरी: इजराइल और हमास के बीच लंबे समय से जारी संघर्ष में बड़ा मोड़ आया है। इजराइल सरकार ने युद्ध विराम और बंधकों की रिहाई के लिए समझौते को मंजूरी दे दी है। टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के अनुसार, सुरक्षा कैबिनेट ने शनिवार को 24-8 के मत से इस समझौते को स्वीकृति दी। यह समझौता रविवार से प्रभावी होगा और गाजा में युद्ध विराम का पहला चरण शुरू करेगा।
बंधकों की रिहाई और युद्ध विराम
समझौते के तहत गाजा में बंधक बनाए गए 33 इजराइली नागरिकों को पहले चरण में रिहा किया जाएगा। इजराइल ने इन बंधकों के परिवारों को सूचना दे दी है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इनमें से कितने लोग जीवित हैं। सरकार का कहना है कि सात दिनों के भीतर सभी बंधकों की स्थिति की जानकारी मिल जाएगी।
इजराइल का दावा है कि गाजा में अभी 65 और बंधक हैं, जिनमें से कम से कम 36 के शव होने की आशंका है। वार्ता का अगला चरण शेष बंधकों की रिहाई, युद्ध की समाप्ति, और गाजा के पुनर्निर्माण पर केंद्रित होगा।
वार्ता और मध्यस्थता
यह ऐतिहासिक समझौता दोहा में हुआ, जिसमें अमेरिका और कतर ने मध्यस्थ की भूमिका निभाई। समझौते का उद्देश्य 15 महीने से जारी संघर्ष को समाप्त करना है, जो 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के हमले से शुरू हुआ था। इस हमले में 1,200 से अधिक इजराइली नागरिक मारे गए और 250 से अधिक को बंधक बना लिया गया।
मानवीय संकट और आलोचना
इजराइल के जवाबी हमले में गाजा में बड़े पैमाने पर तबाही हुई। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक 45,000 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें से आधे महिलाएं और बच्चे हैं। मानवीय समूहों ने इस हिंसा की आलोचना की है, खासकर नागरिकों की मौतों को लेकर।
आगे की चुनौतियां
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर अपने दक्षिणपंथी सहयोगियों से संघर्ष जारी रखने का दबाव है। वहीं, बंधकों के परिवारों को आशंका है कि समझौते का दूसरा चरण अधूरा रह सकता है और उनके प्रियजन आतंकवादियों के कब्जे में रह सकते हैं।
यह समझौता एक अहम पहल है, लेकिन इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि दोनों पक्ष शेष बंधकों की रिहाई और युद्ध समाप्ति पर किस हद तक सहमत होते हैं।
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