उपलब्धिः हरियाणा पुलिस के प्रयासों से महाराष्ट्र से पिछले 15 वर्षों से गुमशुदा बेटी को मिला अपना खोया हुआ परिवार
एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के सदस्य एएसआई राजेश से 22 वर्षीय गुमशुदा युवती नेहा ने किया था निवेदन, ‘प्लीज, मेरे माता पिता को भी ढूंढ दीजिए‘*
- हरियाणा के पानीपत से युवती को किया गया था रेस्क्यू, जांच में पता चला कि महाराष्ट्र के वर्धा थाने में 2010 में दर्ज हुई थी गुमशुदगी की एफआईआर*
वर्तमान में युवती है बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा, सरकारी आश्रम में रह कर की पढ़ाई, परिजनों ने जताया हरियाणा पुलिस का आभार
रमेश गोयत
डीगढ़, 18 जनवरी। प्रदेश पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रेफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) केवल हरियाणा प्रदेश ही नही बल्कि अन्य राज्यों केे भी खोए हुए बच्चों को ढूंढते हुए सफलता के नए आयाम स्थापित कर रही है। हरियाणा पुलिस की प्रभावी कार्यप्रणाली के परिणामस्वरूप अब लोगों खासतौर पर गुमशुदा बच्चों व उनके परिजनों को उम्मीद की किरण दिखी है कि उनके बिछड़े उन्हें जल्द मिल जाएंगे।
इसका हाल ही में एक ताजा उदाहरण देखने को मिला जब एएचटीयू, पंचकूला यूनिट ने पिछले 15 साल से महाराष्ट्र के वर्धा जिले से गुमशुदा 22 वर्षीय युवती नेहा को उसके परिजनों से मिलवाने में सफलता प्राप्त की। यह युवती 7 वर्ष की आयु में अपने परिजनों से महाराष्ट्र के वर्धा जिला से बिछड़ गई थी। यह लड़की पिछले 15 साल से लापता थी और वर्तमान में सोनीपत के राई स्थित बालग्राम में रह रही है। युवती को प्रदेश पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की पंचकूला टीम ने कड़ी मेहनत व संवेदनशीलता के चलते तलाश किया गया है। इस उपलब्धि के लिए पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने एएचटीयू की टीम को अपनी शुभकामनाएं दी और भविष्य में भी ऐसे ही कार्य करने के लिए प्रेरित किया।
गुमशुदा युवती कर रही है बीए द्वितीय वर्ष में पढ़ाई, हरियाणा पुलिस से अपना परिवार ढूंढने का किया था निवेदन
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश पुलिस की एएचटीयू (एंटी ह्यूमन ट्रैफिक यूनिट) पंचकूला में तैनात एएसआई राजेश कुमार, एक गुमशुदा लड़की को परिवार से मिलवाने के लिए सोनीपत जिला के सरकारी आश्रम ‘बालग्राम‘ में गए थे। इसी दौरान आश्रम में रहने वाली एक 22 वर्षीय युवती ने उनसे निवेदन करते हुए कहा कि ‘सर, मैं यहां पिछले 13 वर्ष से रह रही हूं और मुझे नहीं पता कि मेरे मां बाप कहां हैं, मुझे उनकी बहुत याद आती है, इस दुनिया में मेरा कोई नही है, आप प्लीज, मेरे माता पिता को भी ढूंढ दीजिए‘। यह कहते हुए युवती की आंखों से एकाएक आंसू छलक गए जिस पर राजेश कुमार ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे उनके परिवार को ढंूढने का हर संभव प्रयास करेंगे। इसके बाद एएचटीयू यूनिट, पंचकूला की टीम द्वारा गुमशुदा लड़की की काउंसिलिंग की गई जहां उससे अलग अलग तरह के सवाल पूछे गए ताकि उसके परिवार संबंधी कोई भी सुराग मिल सके। काउंसिलिंग में युवती ने बताया कि उसके घर में दो गलियां लगती थी और उनकी भाषा भी अलग थी। इसके अलावा उसने बताया कि वहां के बुजुर्ग लोग अलग तरीके की टोपी पहनते थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नेहा इस आश्रम में पानीपत से सन 2012 में आई थी और उस समय उसकी आयु तक़रीबन 9 वर्ष की थी। वहीं अब नेहा बालग्राम राई जिला सोनीपत में पिछले 13 साल से रह रही है। नेहा हरियाणा के पानीपत में 2010 में गुम हुई थी और प्रदेश पुलिस ने इसी का आधार बनाकर गुमशुदा लड़की के परिवार की तलाश के लिए प्रयास शुरू किए। प्रदेश पुलिस के प्रयासों से गुमशुदा लड़की नेहा का महाराष्ट्र के वर्धा जिले में गुमशुदगी का केस दर्ज मिला जो 15.03.2010 में दर्ज किया गया था। इसके बाद, युवती के परिजनों से संपर्क किया गया।
-नम आंखों से किया परिजनों ने हरियाणा पुलिस का धन्यवाद, बीए द्वितीय वर्ष की परीक्षा देगी युवती*
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश पुलिस द्वारा गुमशुदा लड़की नेहा के भाई अनिकेत से संपर्क किया गया और परिवारजनों को वीडियो कॉल के जरिए पहचान करवाई गई। वीडियो कॉल पर परिवार के लोगों ने अपनी बेटी को पहचाना और उसे लेने जिला सोनीपत पहुंचे। सभी नियमित कार्यवाही करने के बाद चाइल्ड वेलफेयर कमेटी, सोनीपत की देखरेख में युवती को उसके परिजनों से मिलवाया गया। इस कार्य की प्रशंसा करते हुए एडीजीपी ममता सिंह ने संदेश दिया है कि सभी अपने बच्चों का आधार कार्ड ज़रूर बनवाएं और उसे अपडेट रखें। अगर कोई लापता बच्चा या नकली आधार कार्ड की जानकारी मिलती है तो पुलिस को तुरंत सूचना दें।
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