हरियाणा में बिजली दरों में बढ़ोतरी: उपभोक्ताओं पर 47 पैसे प्रति यूनिट का अतिरिक्त बोझ
रमेश गोयत
पंचकूला, 17 जनवरी: हरियाणा सरकार ने बिजली विभाग के घाटे को पूरा करने के लिए प्रदेश में बिजली दरें बढ़ा दी हैं। फ्यूल सरचार्ज एडजस्टमेंट (एफएसए) को 2026 तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है, जिससे प्रदेश के 84 लाख बिजली उपभोक्ताओं पर प्रति यूनिट 47 पैसे अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। इस फैसले का सीधा असर उपभोक्ताओं के बिजली बिल पर पड़ेगा, खासकर गर्मियों के दौरान।
200 यूनिट तक छूट, अधिक खपत पर अतिरिक्त चार्ज
- 200 यूनिट तक छूट: 200 यूनिट तक बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को एफएसए से छूट दी गई है।
- अधिक खपत पर शुल्क: 201 यूनिट या उससे अधिक खपत करने पर उपभोक्ताओं को 94.47 रुपये अतिरिक्त एफएसए देना होगा।
एफएसए बढ़ाने का कारण
बिजली निगम के घाटे और बढ़ते डिफॉल्टिंग अमाउंट को कवर करने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
- 2023 में घाटे के चलते एफएसए को फिर से लागू किया गया था।
- अब इसे अगले तीन वर्षों तक बढ़ाने का फैसला किया गया है।
प्रदेश में बिजली वितरण और उपभोक्ता
- दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN): 43.57 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को 11 सर्कल से बिजली सप्लाई करता है।
- उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (UHBVN): 37.39 लाख से अधिक उपभोक्ता इससे जुड़े हैं।
पिछले वर्ष मिली राहत
- 2024 में मासिक शुल्क माफ: जून 2024 में राज्य सरकार ने 2 किलोवाट तक के घरेलू मीटर उपभोक्ताओं को मासिक शुल्क से राहत दी थी।
- 9 लाख उपभोक्ताओं को फायदा: इस फैसले से करीब 9.5 लाख उपभोक्ताओं को राहत मिली। पहले बिजली विभाग प्रति किलोवाट 115 रुपये मासिक शुल्क वसूलता था।
उपभोक्ताओं की बढ़ेगी परेशानी
बिजली दरों में वृद्धि से गर्मियों के दौरान खपत बढ़ने पर उपभोक्ताओं का खर्च और अधिक हो जाएगा। वहीं, विपक्ष ने इसे जनता पर अतिरिक्त बोझ बताते हुए सरकार की नीतियों की आलोचना की है।
सरकार का कहना है कि यह कदम बिजली निगम की वित्तीय स्थिति को सुधारने और सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए उठाया गया है।
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