सरकारी संरक्षण में अवैध खनन हो रहा नॉन स्टाप - दीपेंद्र हुड्डा
· एनजीटी से लेकर कोर्ट तक की भी नहीं मान रही बीजेपी सरकार – दीपेन्द्र हुड्डा
· दादरी के पिचौपा कलाँ गाँव का मंत्री ने दौरा कर खनन पूरी तरह बंद होने का दावा किया था, वहां भी अवैध खनन से पहाड़ खिसकने की खबर आ गई – दीपेन्द्र हुड्डा
· सरकार में बैठे लोग दोनो हाथों से लूट रहे - दीपेंद्र हुड्डा
· खनन माफियाओं के तार ऊपर तक जुड़े हैं - दीपेन्द्र हुड्डा
बाबुशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 16 जनवरी। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि प्रदेश में सरकारी संरक्षण में नॉन स्टाप अवैध खनन हो रहा है। बीजेपी सरकार एनजीटी से लेकर कोर्ट तक के आदेशों को भी नहीं मान रही है। सरकार में बैठे लोग दोनो हाथों से लूट रहे हैं। जो पैसा सरकारी खजाने में जाना चाहिए वो खनन माफियाओं के माध्यम से सत्तारुढ़ दल के नेताओं की जेब में जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोगों की मिलीभगत के बिना संभव ही नहीं कि खनन माफिया ऐसे बेलगाम हों। एनजीटी से लेकर कोर्ट तक खनन माफिया पर नकेल कसने कह चुके हैं लेकिन सरकार उलटे खनन माफिया को शह दे रही है। क्योंकि खनन माफियाओं के तार ऊपर तक जुड़े हैं। NGT कोर्ट के 23 दिसंबर-2015 और 10 जुलाई 2017 के आदेशों में साफ है कि ट्रक, जेसीबी और पोकलेन मशीनों का किसी भी हालत में खनन में इस्तेमाल न किया जाए। इसके बावजूद इनका प्रयोग धड़ल्ले से हो रहा है। जिसके चलते खनन माफिया गगनचुंबी पहाड़ियों को पाताल में बदलते जा रहे हैं। सरकार की तरफ से अवैध खनन नहीं होने देने के तमाम आदेश दिखावटी व फुस्स साबित हो रहे हैं।
दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि बीते करीब 11 वर्षों में यमुना से लेकर अरावली तक हजारों करोड़ के खनन घोटाले को अंजाम दिया जा चुका है। नियमों को ताख पर रखकर अवैध माइनिंग के चलते चरखी दादरी के पिचौपा कलाँ के खनन क्षेत्र में पहाड़ खिसक गया। जबकि इसी इलाके के संबंध में प्रदेश सरकार के एक मंत्री ने दौरा कर यहाँ खनन पूरी तरह से बंद होने का दावा किया था। हाल ही में नूह के रवा गांव में जो पहाड़ गिरा, उसमें 6000 मीट्रिक टन पत्थर के अवैध खनन का आंकलन पाया गया, जिसकी कुल रॉयल्टी व कीमत 15 लाख रुपए आंकी गई है। इस मामले में 23 दिसंबर 2024 को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है। खनन माफिया इस कदर बेलगाम है कि जब घाटा शम्शाबाद गांव में हरियाणा स्टेट एन्फॉर्समेंट ब्यूरो के अधिकारी अवैध खनन की जांच के लिए पहुंचे को खनन माफियाओं के गुर्गों ने झुंड बनाकर न सिर्फ अधिकारियों पर हमला कर दिया बल्कि खनन कार्य में पकड़े गए ट्रैक्टर-ट्रॉली को भी जबरदस्ती छुड़ा लिया।
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने आगे कहा कि तोशाम, महेंद्रगढ़, यमुनानगर, नूंह में खनन माफिया खुलेआम लोगों की जान ले रहे हैं। नूह में तो अवैध खनन की वजह से कई बार हादसे हो चुके हैं और लोगों की जान जा चुकी है। यहीं पर अवैध खनन माफिया ने एक डीएसपी तक की जान ले ली थी। डाडम में हजारों करोड़ का खनन घोटाला हुआ है। इससे पहले यहां पहाड़ के दरकने से आधा दर्जन मजदूरों की दबकर मौत हो गई थी।
गौरतलब है कि हरियाणा में 27 Nov 2019 को विधानसभा पटल पर रखी गई कैग रिपोर्ट में भी अवैध खनन को उजागर किया गया था। फिर भी खनन माफियाओं के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं हुई। रिपोर्ट में बताया गया कि खनन कार्य से जुड़े ठेकेदारों के प्रति सरकार का रवैया बेहद ढुलमुल रहा है। कई जगह खनन माफिया ने अवैध खनन करके नदी का बहाव तक बदल दिया है। खनन विभाग की लापरवाही के कारण सरकारी खजाने को 1476 करोड़ रुपये की चपत लगी है। खनन माफियाओं ने आवंटित स्थानों के बजाए दूसरी जगह खनन किया। कैग ने अपनी रिपोर्ट में सरकारी कार्यप्रणाली पर उंगली उठाते हुए बताया कि खदान और खनिज विकास एवं पुनर्वास निधि में 49 करोड़ 30 लाख रुपये नहीं जमा करवाने वाले 48 ठेकेदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। टेंडर राशि जमा नहीं करवाने वाले 84 में से 69 ठेकेदारों के खिलाफ भी कोई कदम नहीं उठाया गया। इन ठेकेदारों पर बकाया 347 करोड़ रुपये नहीं वसूले गए। कैग ने 95 खनन क्षेत्रों में से 3 खनन क्षेत्रों का ‘जियो स्पेशल सर्वे’ करवाया। गुमथला उत्तर खनन ब्लॉक के सर्वे में साफ तौर से साबित हुआ कि खनन ठेकेदार आबंटित क्षेत्र से दोगुने क्षेत्र (204%) में खनन कर रहा था। सीएजी रिपोर्ट बताती है कि राजस्व चुकाए बिना ही ठेकेदार खानों और नदियों का जमकर दोहन कर रहे हैं इससे हरियाणा को करीब 5000 करोड़ का चूना लगा है।
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