डीबीयू द्वारा सात दिवसीय ऑनलाइन संकाय विकास कार्यक्रम
रमेश गोयत
मंडी गोबिंदगढ़, 16 अक्टूबर : एआईयू-डीबीयू-एएडीसी। द्वारा सात दिवसीय ऑनलाइन फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) का आयोजन किया गया इसमें देश भगत यूनिवर्सिटी और अन्य संस्थानों के 49 प्रतियोगियों ने भाग लिया। इसमें शोध मानदंडों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई, जिसमें लेख लिखना, फंडिंग निकाय और सहयोग शामिल हैं।
इस अवसर पर उद्घाटन भाषण समन्वयक प्रोफेसर (डॉ.) एच.के. ने दिया। सिद्धू ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और आधुनिक युग में अनुसंधान के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अनुसंधान वह आधार बनता है जिस पर सारी शैक्षणिक गुणवत्ता आधारित होती है। डॉ। सचिथ वर्धन, नोडल अधिकारी ने इसके उद्देश्यों के साथ-साथ ऐसी पहलों के समर्थन पर ध्यान केंद्रित किया।
देश भगत यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. ज़ोरा सिंह ने कहा कि ऐसे संकाय विकास कार्यक्रम न केवल गुणवत्ता में सुधार करते हैं बल्कि संकाय के साथ-साथ पूरे संस्थान के विकास में भी योगदान देते हैं। कुलपति प्रोफेसर (डॉ) अभिजीत एच जोशी ने कहा कि ज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए हमारी प्रतिबद्धता सर्वोपरि है और यह पहल हमारी अनुसंधान क्षमता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सहयोग, नवीन सोच और पूछताछ के लिए साझा जुनून के माध्यम से, हम अपने संस्थान की अनुसंधान प्रोफ़ाइल को बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि वह सभी को सक्रिय रूप से भाग लेने, अपनी अंतर्दृष्टि साझा करने और नए छात्रवृत्ति अवसरों का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
पहले दिन के रिसोर्स पर्सन थे डॉ. संदीप सिंघई, व्यवसाय विकास प्रमुख और प्रधान वैज्ञानिक, सीएसआईआर-एएमपीआरआई, भोपाल। उन्होंने एक शोधकर्ता के दृष्टिकोण से बौद्धिक संपदा अधिकार विषय पर मार्गदर्शन प्रदान किया।
संकाय विकास कार्यक्रम के दौरान, डॉ. नवीन कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर, चितकारा विश्वविद्यालय, डॉ. अविनाश भाटिया, प्रोफेसर, जैव प्रौद्योगिकी और जैव सूचना विज्ञान, जेपी विश्वविद्यालय, वाकनाघाट, सोलन और प्रिंसिपल प्रोफेसर (डॉ.) सुधीर कुमार, गुरु नानक इंजीनियरिंग कॉलेज, डॉ. . (एफडीपी), लुधियाना से डाॅ. रमन कुमार (सहगल), जीएनडीयू के प्रोफेसर (डॉ.) पी.के. पति ने अपने बहुमूल्य विचार साझा किये। एफडीपी का अंतिम दिन समापन सत्र के साथ संपन्न हुआ और प्रोफेसर (डॉ.) एच.के. सिद्धू ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।
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