जागृत ब्राह्मण सभा मामला: अधिकारियों की निष्पक्षता पर उठे सवाल, अपील में विजय भारद्वाज को मिली जीत;
एडहॉक कमेटी का गठन करें या फिर एक प्रशासक नियुक्त करें
बाबूशाही ब्यूरो
पंचकूला/चंडीगढ़, 26 अप्रैल 2025। जागृत ब्राह्मण सभा मामले में हरियाणा राज्य सोसायटीज रजिस्ट्रार कार्यालय ने विजय भारद्वाज द्वारा दायर अपील संख्या 56 ऑफ 2025 में बड़ा फैसला सुनाया है। विजय भारद्वाज ने जिला रजिस्ट्रार, फर्म्स एंड सोसायटीज, पंचकूला द्वारा 17 जनवरी 2025 को पारित आदेश को चुनौती दी थी।
अपीलकर्ता की ओर से अधिवक्ता अमित नैन और प्रभात शर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पक्ष रखा, जबकि जिला रजिस्ट्रार कार्यालय की ओर से विजेंद्र कुमार उपस्थित रहे। सुनवाई के दौरान अपीलकर्ता ने तर्क दिया कि जिला रजिस्ट्रार द्वारा गठित तीन सदस्यीय एडहॉक कमेटी के सदस्य - विकास कौशिक, नरेन दत्त शर्मा और विनोद कुमार मिश्र - पूर्व पदाधिकारी रहे हैं और सोसायटी के वर्तमान अध्यक्ष के करीबी रिश्तेदार भी हैं।
अपीलकर्ता का कहना था कि यह सदस्यगण न केवल निष्पक्षता की भावना पर प्रश्नचिह्न लगाते हैं, बल्कि चूंकि वे खुद वोटर भी हैं, इसलिए आगामी चुनावों में निष्पक्षता प्रभावित हो सकती है। अपीलकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि 150 से अधिक सदस्यों ने इन नियुक्तियों के विरोध में जिला रजिस्ट्रार को लिखित में आपत्ति दी थी, फिर भी कोई उचित कार्रवाई नहीं हुई और एडहॉक कमेटी का कार्यकाल भी एकतरफा बढ़ा दिया गया।
राज्य रजिस्ट्रार ने आदेश पारित करते हुए माना कि एडहॉक कमेटी के सदस्यों को निष्पक्ष और विवाद रहित व्यक्तियों में से चुना जाना चाहिए। पूर्व पदाधिकारियों को एडहॉक कमेटी में शामिल करना सोसायटी के भीतर विवाद को जन्म दे सकता है।
नतीजतन, जिला रजिस्ट्रार पंचकूला का 17 जनवरी 2025 का आदेश रद्द कर दिया गया है और विजय भारद्वाज की अपील स्वीकार कर ली गई है। साथ ही, जिला रजिस्ट्रार को निर्देश दिया गया है कि या तो स्वतंत्र पाँच सदस्यों की नई एडहॉक कमेटी का गठन करें या फिर एक प्रशासक नियुक्त करें, जो सोसायटी का संचालन और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित कर सके।
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