चंडीगढ़: सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लिए वर्दी लागू, पेशेवर माहौल को मिलेगा बढ़ावा
रमेश गोयत
चंडीगढ़,व26 अप्रैल। शैक्षणिक संस्थानों में पेशेवर माहौल को बढ़ाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए चंडीगढ़ शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लिए एक सुंदर वर्दी लागू कर दी है। यह निर्णय यूटी चंडीगढ़ के प्रशासक श्री गुलाब चंद कटारिया की सलाह पर लिया गया है। इस पहल की शुरुआत पीएम श्री गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सेक्टर-14, धनास से की गई है, जिसे खुद प्रशासक ने खूब सराहा है।
ड्रेस कोड के नियम
नई व्यवस्था के तहत महिला कर्मचारी साड़ी या सलवार-कमीज पहनेंगी, जबकि पुरुष कर्मचारी औपचारिक शर्ट और पतलून में नजर आएंगे। इस कदम का उद्देश्य शिक्षकों की उपस्थिति को एकरूप बनाना, पेशेवरता को बढ़ावा देना और स्कूलों में एक सकारात्मक शैक्षणिक वातावरण तैयार करना है।
प्रशासक का समर्थन
यूटी चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा, "एक समान ड्रेस कोड कर्मचारियों के बीच समानता को बढ़ावा देता है और उनके भीतर गर्व एवं व्यावसायिकता की भावना पैदा करता है।"
लागू करने की समय सीमा
शिक्षा विभाग ने तय किया है कि 2025 की गर्मियों की छुट्टियों के बाद कक्षाएं शुरू होने से पहले यह ड्रेस कोड सभी सरकारी स्कूलों में पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। इससे शिक्षकों को नई व्यवस्था में ढलने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।
उम्मीदें और प्रभाव
व्यावसायिकता में इजाफा: शिक्षकों की एकरूप उपस्थिति से छात्रों के सामने एक अनुशासित और प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत होगा।
समानता का संदेश: ड्रेस कोड सामाजिक-आर्थिक असमानताओं को कम करेगा और समावेशी माहौल को बढ़ावा देगा।
मनोबल में सुधार: एकजुटता और टीम भावना को मजबूती मिलेगी।
चंडीगढ़ शिक्षा विभाग का यह प्रयास न केवल शहर के शैक्षणिक माहौल को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा, बल्कि चंडीगढ़ को शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड लागू करने वाला पहला केंद्र शासित प्रदेश भी बना देगा।
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