नेत्रहीनों के लिए वरदान बनी पंचकूला की नेहा सिन्हा की स्मार्ट ब्लाइंड स्टिक, स्टार्टअप महाकुंभ में जीता पहला पुरस्कार
रमेश गोयत
पंचकूला, 25 अप्रैल: "आंखें नहीं, तो जीवन अंधकारमय हो जाता है" – इस सच्चाई को महसूस किया पंचकूला के पिंजौर की रहने वाली बीसीए छात्रा नेहा सिन्हा ने और एक ऐसा इनोवेशन कर दिखाया, जो दृष्टिहीनों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। नेहा ने एक स्मार्ट ब्लाइंड स्टिक बनाई है, जो चलते समय नेत्रहीनों को रास्ते की रुकावटों और खतरों के बारे में पहले ही अलर्ट कर देती है।
नेहा को यह विचार तब आया, जब उन्होंने एक बार पंचकूला के ब्लाइंड स्कूल में दृष्टिहीन बच्चों से मुलाकात की। उनकी समस्याओं को करीब से समझने के बाद नेहा ने तय कर लिया कि वह उनके लिए कोई उपयोगी उपकरण बनाएंगी। इसके बाद रिसर्च, मेहनत और परिवार के सहयोग से उन्होंने यह अनोखी स्मार्ट स्टिक तैयार की।
नेहा की स्मार्ट ब्लाइंड स्टिक में मल्टी-लैंग्वेज वॉइस असिस्टेंट, ऑब्सटैकल अलर्ट, गीले फर्श की पहचान, रियल टाइम घड़ी और इमरजेंसी हेल्प बटन जैसे कई फीचर्स हैं। खास बात यह है कि जहां ऐसे फीचर्स वाली स्टिक बाजार में करीब 1 लाख रुपये तक की आती है, वहीं नेहा ने इसे मात्र 3 हजार रुपये में तैयार किया है।
इस इनोवेशन के दम पर नेहा ने दिल्ली में आयोजित स्टार्टअप महाकुंभ में देशभर के 100 कॉलेजों के प्रतिभागियों को पछाड़ते हुए पहला स्थान हासिल किया और 10 लाख रुपये का इनाम भी जीता।
फिलहाल नेहा हिमाचल प्रदेश के बद्दी में बीसीए की पढ़ाई कर रही हैं और आगे चलकर आईटी क्षेत्र में अपना खुद का स्टार्टअप शुरू करने का सपना देख रही हैं। उनके पिता सौरभ सिन्हा और मां ममता सिन्हा ने इस प्रोजेक्ट में उनका पूरा सहयोग किया, जबकि उनका 12 साल का भाई दक्ष अब खुद भी गैजेट्स बनाने में रुचि लेने लगा है।
नेहा सिन्हा का यह इनोवेशन न केवल तकनीकी दृष्टि से बेहतरीन है, बल्कि यह सामाजिक सरोकारों से भी जुड़ा हुआ है—जो उन्हें आने वाले समय में एक प्रभावशाली युवा इनोवेटर के रूप में स्थापित करता है।
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