गेहूं की खरीद, उठान और भुगतान को लेकर परेशान किसान - हुड्डा
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 26 अप्रैल। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि बीजेपी सरकार मंडियों में गेहूं की खरीद, उसके उठान और किसानों को भुगतान में जानबूझकर देरी कर रही है। मंडियां फसल से अटी पड़ी हैं। वहां अनाज तो क्या पैर तक रखने की जगह नहीं बची है। लेकिन फिर भी सरकार उठान में किसी तरह की तेजी लाने को तैयार नही हैं।
हुड्डा ने कहा कि हर फसली सीजन की तरह इस बार भी बीजेपी ने बड़े-बड़े दावे किए थे। लेकिन हर बार की तरह उसकी इस बार भी पोल खुल गई। मंडियों में फैली अव्यवस्था के चलते प्रदेश का किसान बेहद परेशान है। मंडियों में जिस तेजी से गेहूं की आवक हो रही है, उस गति से खरीद नहीं की जा रही। प्रदेशभर से किसानों की शिकायतें आ रही हैं कि जानबूझकर किसानों को इंतजार करवाया जा रहा है। पहले खरीद और फिर उसके बाद फसल के उठान में इसलिए देरी की जा रही है, ताकि भुगतान को लटकाया जा सके।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार ने 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू करने का ऐलान किया था। लेकिन हमेशा की तरह सरकारी लेटलतीफी के चलते कई जगह समय पर ना उठान के लिए टेंडर हुए और ना ही अढ़तियों को बारदाना दिया गया। इसके चलते दो बार बारिश के चलते लाखों टन गेहूं भीग गया। गेहूं भीगने के बाद कई दिनों तक किसानों को नमी के नाम पर परेशान किया गया। जबकि कांग्रेस कार्यकाल के दौरान किसानों को नमी की लिमिट में अतिरिक्त छूट देकर राहत दी जाती थी। लेकिन बीजेपी ने ऐसा कुछ नहीं किया।
कुल मिलाकर सरकार ने किसानों को परेशान करने के लिए हरेक तरीका अपनाया, ताकि वो परेशान होकर अपनी फसल एमएसपी से कम रेट पर निजी एजेंसियों को बेच दे। बीजेपी के इन हथकंडों को अन्नदाता बखूबी समझता है।
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