किसानों का मुखौटा पहनकर शंभू बॉर्डर पर बैठे लोग किसान नही: मनोहर लाल खट्टर
खट्टर के बयान से हरियाणा में राजनीतिक माहौल गरमा
चंडीगढ़ 26 सितम्बर 2024। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शंभू बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन पर तीखा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बॉर्डर पर बैठे लोग किसान नहीं हैं, बल्कि वे केवल किसानों का मुखौटा पहनकर सिस्टम को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। खट्टर ने कहा कि अंबाला और आसपास के लोग इस स्थिति से परेशान हो रहे हैं, क्योंकि बॉर्डर बंद होने से व्यापारियों और आम लोगों को दिक्कतें हो रही हैं। हालांकि, सरकार ने बॉर्डर को खोलने की योजना बना ली थी, लेकिन अब मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है।
खट्टर ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले का हल निकालने के लिए कमेटी बना चुका है, और कोर्ट जल्द ही इस मुद्दे पर निर्णय लेगा। उन्होंने आंदोलनकारियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जो लोग लाल किले पर चढ़े थे, वे असली किसान नहीं हो सकते, और ऐसे कृत्यों को देश सहन नहीं करेगा।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि कुछ लोग धाराओं में बदलाव का विरोध कर रहे हैं, जो किसानों के नाम पर देश की कानून व्यवस्था को कमजोर करना चाहते हैं। उनका मानना है कि कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए बदलाव आवश्यक हैं और यह देश के हित में है।
शंभू बॉर्डर पर किसान फरवरी 2024 से एमएसपी की मांगों को लेकर बैठे हुए हैं, और हरियाणा सरकार ने उन्हें दिल्ली जाने से रोकने के लिए बॉर्डर पर बैरिकेड्स लगा दिए थे। इस कारण अंबाला के व्यापारियों को काफी परेशानी हो रही है, और उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हालांकि, सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, और अब मामला सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर निर्भर है।
खट्टर का यह बयान हरियाणा में राजनीतिक माहौल को और गरमा सकता है, जहां किसानों के मुद्दे पहले से ही चुनावी चर्चा में हैं।
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