बिजली विभाग की लापरवाही पड़ी भारी, हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने दिए 5,000 रुपये मुआवजे के आदेश
शिकायतकर्ता को वंचित करने पर आयोग ने माना गंभीर प्रशासनिक दोष
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 8 अप्रैल 2025:
हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने एक अहम फैसले में बिजली विभाग की लापरवाही के चलते भिवानी निवासी ओम प्रकाश को ₹5,000 का मुआवजा देने के आदेश जारी किए हैं। आयोग ने माना कि विभागीय चूक के कारण शिकायतकर्ता को वॉलंटरी डिस्क्लोजर स्कीम के तहत कृषि कनेक्शन की लोड बढ़ाने की सुविधा नहीं मिल सकी।
बिजली निगम के प्रवक्ता ने बताया कि 13 जुलाई 2024 को ओम प्रकाश ने लोड बढ़वाने के लिए आवेदन किया था, लेकिन विभाग ने उनके नाम पर ₹28,000 की बिजली चोरी की राशि लंबित बताते हुए आवेदन रद्द कर दिया। बाद में जांच में यह स्पष्ट हुआ कि यह बिजली चोरी उनके भाई श्री वेद प्रकाश द्वारा की गई थी, जिन्होंने ट्रांसफार्मर से डायरेक्ट सप्लाई ली थी। हालांकि वेद प्रकाश ने 26 सितंबर 2024 को यह राशि जमा कर दी, परंतु विभाग ने इसे रिकॉर्ड में अपडेट नहीं किया।
इस कारण श्री ओम प्रकाश स्कीम के लाभ से वंचित रह गए। आयोग ने इसे गंभीर प्रशासनिक चूक मानते हुए हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम, 2014 की धारा 17(1)(h) के तहत मुआवजे का आदेश दिया है।
आयोग ने निर्देश दिए हैं कि ओम प्रकाश 25 अप्रैल 2025 तक अपने बैंक विवरण विभाग को उपलब्ध कराएं ताकि समय पर मुआवजा भुगतान किया जा सके। साथ ही विभाग को आंतरिक जांच कर दोषी अधिकारियों से वसूली सुनिश्चित करने तथा आदेश की अनुपालना रिपोर्ट आयोग को समय पर भेजने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।
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