आइएएस अमित कुमार के तबादले पर हाईकोर्ट सख्त, पंजाब के पूर्व और वर्तमान मुख्य सचिव को अवमानना नोटिस
वर्तमान में नगर निगम चंडीगढ़ के कमिश्नर के रूप में कार्यरत
रमेश गोयत
चंडीगढ़ ,02 फरवरी। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने 2008 बैच के आईएएस अधिकारी अमित कुमार के चंडीगढ़ तबादले को लेकर पंजाब सरकार पर सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने राज्य के पूर्व और वर्तमान मुख्य सचिव (सीएस) को अवमानना नोटिस जारी करते हुए स्पष्ट किया कि अमित कुमार का तबादला बिना न्यायालय की पूर्व अनुमति के नहीं किया जा सकता था।
जांच के दौरान ट्रांसफर पर नाराजगी
हाईकोर्ट ने कहा कि अमित कुमार को मोहाली गांव की पंचायती जमीन के दुरुपयोग की जांच के लिए कमिश्नर-कम-अपीलीय अथॉरिटी नियुक्त किया गया था। 2018 में जारी आदेश के अनुसार, जब तक जांच पूरी नहीं होती, उनका ट्रांसफर नहीं किया जा सकता था। बावजूद इसके, पंजाब सरकार ने 14 अक्टूबर 2024 को उन्हें चंडीगढ़ में प्रतिनियुक्ति पर भेज दिया, जहां वे वर्तमान में नगर निगम के कमिश्नर के रूप में कार्यरत हैं।
9 मार्च तक मांगा जवाब
मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायमूर्ति सुमित गोयल की खंडपीठ ने इसे अदालत की अवमानना मानते हुए पंजाब सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। अदालत ने निर्देश दिया कि जिन मुख्य सचिव के कार्यकाल में यह तबादला हुआ और जो वर्तमान में पद पर हैं, वे 9 मार्च से पहले अपना जवाब दाखिल करें।
पूरी फाइल एडिशनल एडवोकेट जनरल को सौंपी गई
हाईकोर्ट ने इस मामले की पूरी फाइल भारत के एडिशनल एडवोकेट जनरल के कार्यालय को सौंपने का आदेश भी दिया है। अगली सुनवाई 9 मार्च को होगी, जिसमें अदालत द्वारा सख्त कार्रवाई किए जाने की संभावना है।
क्या है मामला?
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने 2008 बैच के आईएएस अधिकारी अमित कुमार के चंडीगढ़ तबादले को लेकर पंजाब सरकार पर सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने पंजाब के पूर्व और वर्तमान मुख्य सचिव (सीएस) को अवमानना नोटिस जारी किया है। मामला पंजाब के मोहाली जिले के गांव की पंचायती जमीन के दुरुपयोग से जुड़ा है, जिसकी जांच के लिए अमित कुमार को कमिश्नर-कम-अपीलीय अथॉरिटी नियुक्त किया गया था। हाईकोर्ट ने 2018 में आदेश दिया था कि जब तक जांच पूरी नहीं होती, अमित कुमार का ट्रांसफर या प्रतिनियुक्ति (डेपुटेशन) नहीं होगी। इसके बावजूद, पंजाब सरकार ने 14 अक्टूबर 2024 को बिना कोर्ट की अनुमति के उनका तबादला कर दिया।
पंचायती जमीन का दुरुपयोग: विवाद की जड़
मोहाली जिले के एक गांव में पंचायती जमीन के दुरुपयोग का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। आरोप है कि इस जमीन पर अनधिकृत कब्जा किया गया और इसे नियमों के खिलाफ निजी उपयोग के लिए दिया गया। हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए आईएएस अमित कुमार को विशेष अधिकारी नियुक्त किया था और स्पष्ट निर्देश दिया था कि जब तक जांच पूरी नहीं होती, वे अपने पद पर बने रहेंगे।
हालांकि, पंजाब सरकार ने 14 अक्टूबर 2024 को अमित कुमार का तबादला कर दिया और उन्हें चंडीगढ़ नगर निगम का कमिश्नर नियुक्त कर दिया।
हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी
मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायमूर्ति सुमित गोयल की खंडपीठ ने इस मामले को न्यायालय की अवमानना माना है। कोर्ट ने कहा कि सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश की अनदेखी कर अमित कुमार का ट्रांसफर किया, जो स्पष्ट रूप से अदालत की अवमानना है।
पूर्व और वर्तमान मुख्य सचिव को नोटिस
हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि जिस मुख्य सचिव के कार्यकाल में यह ट्रांसफर हुआ और जो वर्तमान में पद पर हैं, दोनों को 9 मार्च तक स्पष्टीकरण देना होगा कि आखिर बिना कोर्ट की अनुमति के यह तबादला कैसे हुआ।
एडिशनल एडवोकेट जनरल को सौंपी गई फाइल
कोर्ट ने इस पूरे मामले की फाइल भारत के एडिशनल एडवोकेट जनरल को सौंपने का आदेश दिया है, ताकि मामले की कानूनी समीक्षा हो सके।
क्या हो सकते हैं इसके परिणाम?
अगर हाईकोर्ट को संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो यह मामला और गंभीर हो सकता है। अदालत पंजाब सरकार के अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सकती है, जिसमें पूर्व और वर्तमान मुख्य सचिव पर अवमानना की कार्रवाई, तबादले को रद्द करने का आदेश या अन्य कानूनी निर्देश शामिल हो सकते हैं।
अगली सुनवाई 9 मार्च को
हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 9 मार्च को तय की है, जिसमें पंजाब सरकार को अपना जवाब दाखिल करना होगा। यदि अदालत को उचित स्पष्टीकरण नहीं मिला, तो सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं
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