सीएम मान बताए कि उनकी सरकार ने तीन साल में मानव तस्करी के लिए कितने ट्रैवल एजेंट पर केस दर्ज किए: बाजवा
रमेश गोयत
मोहाली/चंडीगढ़, 15 फरवरी । अमृतसर में 119 भारतीयों को लेकर दूसरे अमेरिकी विमान के शनिवार को अमृतसर पहुंचने पर पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने पिछले तीन साल में पंजाबियों की मानव तस्करी रोकने में विफल रहने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की आलोचना की।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता बाजवा ने कहा कि पंजाब मानव तस्करी रोकथाम अधिनियम 2012 पंजाब में संगठित मानव तस्करी में लिप्त व्यक्तियों और ट्रैवल एजेंटों की अवैध और धोखाधड़ी गतिविधियों और कदाचार की जांच और अंकुश लगाने के लिए ट्रैवल एजेंटों के पेशे को विनियमित करता है। क्या सीएम भगवंत मान, जिनके पास गृह विभाग भी है, पंजाबियों को बता सकते हैं कि पिछले तीन वर्षों में कितने ट्रैवल एजेंटों पर इसी कानून के तहत मामले दर्ज किए गए हैं?
मान ने कहा कि अवैध आव्रजन पंजाब में ही समस्या नहीं है बल्कि एक राष्ट्रीय समस्या है। यह सच है, लेकिन क्या राज्य में कोई अवैधता होने पर कार्रवाई के लिए उनकी सरकार जिम्मेदार नहीं है? ऐसा लगता है कि वह अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं। बहरहाल, यह आप के मुख्य चुनावी मुद्दों में से एक था जिसका मकसद अपने गृह राज्य में करियर तलाशने के लिए युवाओं को प्रेरित करके प्रतिभा पलायन को रोकना था।
बाजवा ने एक बयान में कहा कि 30 पंजाबियों सहित 104 भारतीयों को लेकर पहली उड़ान अमृतसर पहुंचे दस दिन हो चुके हैं और मान सरकार मदद करने तथा उनके लिए पुनर्वास कार्यक्रम की घोषणा करने में बुरी तरह विफल रही। उन्होंने उनके लिए मुआवजे की घोषणा नहीं की है। आप सरकार ने उन्हें आश्वासन नहीं दिया है कि सरकार अवैध ट्रैवल एजेंटों द्वारा उनके पैसे वापस पाने में उनकी मदद करेगी।
मान का कहना है कि वह अमृतसर में आज पहुंचने वाले 119 निर्वासित लोगों को रिसीव करने जा रहे हैं। पुनर्वास कार्यक्रम और मुआवजे के अभाव में मान का यह कृत्य पब्लिसिटी स्टंट से ज्यादा कुछ नहीं है। वह हमेशा प्रचार के लिए ललचारे रहते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए बाजवा ने कहा कि पिछली उड़ान में भारतीय निर्वासितों के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया था। उन्हें विमान में हथकड़ी और बेड़ियां लगाई गईं और उन्हें वॉशरूम का उपयोग करने की भी अनुमति नहीं थी। हालांकि, अपनी हालिया अमेरिकी यात्रा के दौरान, पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ इस मुद्दे को उठाने की जहमत नहीं उठाई। क्या इस तरह पीएम मोदी भारत के बेटों और बेटियों की गरिमा बनाए रखेंगे?
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