पंचकूला: सेवानिवृत्ति के बाद भी प्रिंसिपल की पद पर जमे रहने की जिद, स्कूल स्टाफ में रोष
रमेश गोयत
पंचकूला, 15 फरवरी: पंचकूला जिले के कालका सब-डिवीजन के एक सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में अजीबोगरीब मामला सामने आया है। स्कूल के पूर्व प्रधानाचार्य जो 31 जनवरी 2025 को सेवानिवृत्त हो चुके हैं, अभी भी प्रतिदिन स्कूल आकर उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर कर रहे हैं और प्रिंसिपल की कुर्सी नहीं छोड़ रहे। उनकी इस हरकत से स्कूल के अन्य शिक्षक व कर्मचारी काफी परेशान हैं और इसका असर शैक्षणिक माहौल पर भी पड़ रहा है।
शिक्षकों ने शिक्षा अधिकारियों से की शिकायत
स्कूल के शिक्षकों और स्टाफ का कहना है कि सेवानिवृत्ति के बाद स्कूल में किसी भी व्यक्ति का रजिस्टर में हाजिरी लगाना नियमों के विरुद्ध है। इस संबंध में शिक्षकों ने ब्लॉक शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी पंचकूला को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी है और तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
स्कूल के टीचरों ने बीईओ को शिकायत में लिखा है कि पूर्व प्रधानाचार्य बिना किसी सेवा विस्तार के आदेश के अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से मार्गदर्शन मांगा है कि क्या यह उचित है कि बिना सरकारी आदेश के सेवानिवृत्त व्यक्ति विद्यालय में हाजिरी लगाए।
सेवानिवृत्ति के बाद भी क्यों आ रहे हैं स्कूल?
सूत्रों के अनुसार, उपरोक्त प्रिंसिपल को सरकार से सेवा विस्तार का कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है, लेकिन फिर भी वे स्कूल में प्रधानाचार्य की भूमिका निभा रहे हैं। स्कूल के शिक्षकों का कहना है कि उनकी जगह एक अन्य शिक्षक को कार्यवाहक प्रधानाचार्य बना दिया गया है, फिर भी पूर्व प्रिंसिपल न केवल स्कूल आ रहे हैं, बल्कि रजिस्टर में अपनी हाजिरी भी दर्ज कर रहे हैं।
एक शिक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया,
"हम सब इस स्थिति से बहुत परेशान हैं। जब कोई शिक्षक या कर्मचारी रिटायर हो जाता है, तो उसे अपने पद को छोड़ देना चाहिए। लेकिन यहां, प्रधानाचार्य खुद नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। इससे स्कूल का अनुशासन और प्रशासन दोनों प्रभावित हो रहे हैं।"
शिक्षा विभाग की चुप्पी से बढ़ी समस्या
शिक्षकों और स्टाफ की शिकायत के बावजूद शिक्षा विभाग की ओर से अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
ब्लॉक शिक्षा अधिकारी पिंजौर और जिला शिक्षा अधिकारी पंचकूला को इस बारे में लिखित शिकायत भेजी जा चुकी है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
शिक्षकों का आरोप है कि विभागीय अधिकारी इस मामले को नजरअंदाज कर रहे हैं। इससे स्कूल में अनुशासनहीनता बढ़ रही है और अन्य शिक्षक व कर्मचारी भी निराश महसूस कर रहे हैं।
शिक्षा विभाग की प्रतिक्रिया
इस मामले में जब ब्लॉक शिक्षा अधिकारी पिंजौर से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा,
"हमें शिकायत मिली है और हम इस पर जांच कर रहे हैं। यदि कोई सेवानिवृत्त कर्मचारी बिना सेवा विस्तार के आदेश के अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहा है, तो यह गंभीर मामला है। इस पर जल्द निर्णय लिया जाएगा।"
वहीं, जिला शिक्षा अधिकारी पंचकूला का कहना है,
"हम इस विषय पर कानूनी और प्रशासनिक सलाह ले रहे हैं। यदि प्रधानाचार्य को सेवा विस्तार का कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है, तो उन्हें स्कूल में आकर हाजिरी लगाने का अधिकार नहीं है। जल्द ही उचित कदम उठाया जाएगा।"
क्या कहता है नियम?
हरियाणा शिक्षा विभाग के नियमों के अनुसार, सेवानिवृत्ति के बाद किसी भी सरकारी कर्मचारी को तब तक अपनी ड्यूटी जारी रखने की अनुमति नहीं होती जब तक कि सरकार की ओर से सेवा विस्तार का लिखित आदेश न हो।
यदि कोई सेवानिवृत्त कर्मचारी बिना आदेश के कार्य करता है, तो यह अवैध और अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है।
क्या होगी आगे की कार्रवाई?
शिक्षकों का कहना है कि अगर जल्द ही इस मामले पर कार्रवाई नहीं हुई तो वे उच्च अधिकारियों और शिक्षा विभाग के मंत्री से मिलकर शिकायत दर्ज कराएंगे।
स्कूल में बनी इस असामान्य स्थिति ने पूरे पंचकूला जिले में चर्चा का विषय बना दिया है। अब यह देखना होगा कि शिक्षा विभाग इस पर क्या कदम उठाता है और कब तक इस समस्या का समाधान होता है।
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