पंजाब युवा कांग्रेस ने निर्वासित युवाओं के साथ अमानवीय व्यवहार के खिलाफ अमृतसर में किया प्रदर्शन
पीवाईसी अध्यक्ष मोहित मोहिंद्रा ने अवैध ट्रैवल एजेंटों के प्रति ढिलाई के लिए भगवंत मान सरकार की आलोचना की
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़/अमृतसर, 16 फरवरी- पंजाब युवा कांग्रेस (पीवाईसी) ने आईवाईसी अध्यक्ष उदय भानु चिब के निर्देश पर आज यहां हॉल गेट पर विशाल विरोध प्रदर्शन और धरना दिया, जो सेना के परिवहन विमानों में अमेरिका से निर्वासित पंजाब और अन्य राज्यों के युवाओं के साथ किए गए अमानवीय व्यवहार के खिलाफ था।
पीवाईसी के अध्यक्ष मोहित मोहिंद्रा ने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए कहा कि यह चौंकाने वाला है कि निर्वासित युवाओं को बेड़ियों और हथकड़ियों में बांधा गया था और यह अधिक दुखद है कि भारत सरकार युवाओं के साथ दुर्व्यवहार के लिए अमेरिकी सरकार के साथ औपचारिक विरोध दर्ज कराने में विफल रही। उन्होंने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने अमेरिका गए थे, में इस मुद्दे को उठाने की हिम्मत नहीं थी। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर प्रधानमंत्री अपने नागरिकों के सम्मान का विरोध नहीं कर सकते तो अमेरिकी राष्ट्रपति से बातचीत क्यों कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "भारतीय युवाओं के साथ आतंकवादियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है।"
उन्होंने कहा कि बेड़ियों में जकड़े युवाओं को लेकर दूसरी फ्लाइट कल पहुंची और तीसरी फ्लाइट आज आने की उम्मीद है। उन्होंने निर्वासितों को अमृतसर भेजने का विरोध किया और इसे पंजाब में भगवंत मान सरकार की विफलता बताया। उन्होंने कहा कि 800 से अधिक अवैध ट्रैवल एजेंट बिना किसी स्थायी कार्यालय के काम कर रहे हैं और पुलिस की नाक के नीचे अवैध अप्रवास का कारोबार फल-फूल रहा है।
मोहिंद्रा ने कहा कि भारतीय युवाओं ने अमेरिका की अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान दिया है। कैलिफोर्निया में सिलिकॉन वैली की सफलता का श्रेय भारतीय आईटी विशेषज्ञों को जाता है। उन्होंने कहा कि भारत के खासकर पंजाब के छात्रों ने अमेरिका में पांच लाख अरब से अधिक का योगदान दिया है और उनका भविष्य सुरक्षित नहीं है। उन्होंने निर्वासन की घटना को कूटनीति और भारत के विदेश मंत्रालय की पूरी तरह विफलता बताया।
मोहिंद्रा ने पंजाब के मुख्यमंत्री से मांग की कि वे निर्वासित युवाओं के पुनर्वास के लिए नीति की घोषणा करें क्योंकि वे अपना सारा भाग्य खो चुके हैं। उन्होंने कहा कि अधिकांश युवा अपने देश में अवसरों की कमी के कारण विदेश चले गए हैं। उन्होंने कहा कि निर्वासित युवाओं को फिर से बसाना राज्य सरकार का मौलिक कर्तव्य है।
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