वह सेना में भर्ती होना चाहते थे, लेकिन अग्निवीर में चार साल की नौकरी ने उनका दिल तोड़ दिया, इसलिए वह अमेरिका चले गए।
- ट्रक ड्राइवर ने अपने बेटे को जमीन और गहने बेचकर अमेरिका भेजा था, सारा पैसा धूल में मिल गया।
रिपोर्टर रोहित गुप्ता
गुरदासपुर, 16 फरवरी - अमेरिका से डिपोर्ट होकर कलानौर के अधीन पड़ते गांव नरावली में अपने घर लौटे लवप्रीत सिंह ने भारी मन से कहा कि वह 50 लाख रुपए खर्च करके विदेश गए थे, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि कुछ ही दिनों में उन्हें अमेरिका डिपोर्ट कर देगा और उन्हें अपने सारे पैसे बर्बाद करके घर लौटना पड़ेगा। वहां के हालात बताते हुए लवप्रीत सिंह ने कहा कि डुनकी जाने वाला रास्ता बहुत खराब है और इस रास्ते पर कई जानें जा चुकी हैं। उनके पिता एक सैनिक हैं और उनके एक चचेरे भाई भी सैनिक हैं और वह भी सेना में शामिल होना चाहते थे लेकिन अग्निवीर योजना ने उनका दिल तोड़ दिया क्योंकि वह केवल चार साल की सेवा नहीं करना चाहते थे।
लवप्रीत सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने एजेंट से 70 लाख रुपए में सौदा तय किया था, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि वह फिर भी उन्हें गधे के जरिए अमेरिका भेज देगा।
इसलिए उन्होंने विदेश जाने का निर्णय लिया। लवप्रीत सिंह की माता ने भारी मन से बताया कि उन्होंने अपनी जमीन और गहने बेचकर बड़ी मुश्किल से अपने बेटे को बाहर भेजा था और ड्राइवर का काम करने वाले उसके पिता ने भी सबकुछ बेचकर उसे बाहर भेजा था, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि सरकार उसे वापस भेज देगी। उन्होंने मांग की है कि सरकार एजेंट के खिलाफ कार्रवाई करे।
Kk
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