Himachal News: 40 साल का इंतजार खत्म, मंत्रोच्चारण के बीच बकरालू महाराज के मंदिर की छत पर हुआ शिखा पूजन
बाबूशाही ब्यूरो
शिमला, 04 जनवरी 2024 दलगांव के भूंडा महायज्ञ के दूसरे दिन शुक्रवार को सबसे पहले रास मंडल विसर्जन के बाद गांव के चारों ओर फेर (परिक्रमा) और आखिर में देवता बकरालू के ऐतिहासिक मंदिर की छत पर शिखा पूजन की रस्म पूरी की गई।
शिखा फेर पूजन से पहले तैयार किया जा रहा रास मंडल -
आखिर वह पल आ ही गया, जिसका हजारों लोग 40 साल से इंतजार कर रहे थे। दलगांव के भूंडा महायज्ञ के दूसरे दिन शुक्रवार को सबसे पहले रास मंडल विसर्जन के बाद गांव के चारों ओर फेर (परिक्रमा) और आखिर में देवता बकरालू के ऐतिहासिक मंदिर की छत पर शिखा पूजन की रस्म पूरी की गई।
शनिवार को बेड़े की रस्म अदा होगी। इस दौरान सूरत राम 100 मीटर लंबे आस्था के रस्से से खाई को पार करेंगे। बकरालू मंदिर के इस अनुष्ठान में इस बार हजारों लोगों की भीड़ धार्मिक समारोह की की गवाह बन रही है। पूरा दिन दलगांव देव जयकारों, ढोल-नगाड़ों की धुनों व नाटियों के साथ गूंजता रहा।
बाहर से पहुंचे मेहमान देवता बौंद्रा, देवता मोहरिश और देवता महेश्वर गांव के साथ अलग-अलग टेंट में हजारों की संख्या में आए खूंदों (देवलुओं) के साथ ठहरे हैं। शुक्रवार को अनुष्ठान शुरू होने से पहले देवताओं की पूजा करीब नौ बजे सुबह शुरू हुई। पूजा पूरी होने पर देवता बौंद्रा व महेश्वर की पालकियों के साथ खूंद नाचते-गाते मेजबान देवता बकरालू के मंदिर प्रांगण में पहुंचे।
मंदिर में इस दौरान रास मंडल लिखा जा रहा था। रास मंडल वैदिक परंपरा के अनुसार विद्वान पंडितों की ओर से लिखा जाता है। इसके तैयार होने व पूजा की प्रक्रिया पूरी होने तक रास मंडल के चारों ओर कुछ चयनित लोग लगाकर इसकी सुरक्षा की जाती है। (SBP)
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