चंडीगढ़: आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का शोषण, दो महीने से वेतन नहीं मिला, 10 जनवरी तक सैलरी का भरोसा
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 04 जनवरी। चंडीगढ़ यूटी में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को समय पर वेतन न मिलने की समस्या गहराती जा रही है। प्रशासन और ठेकेदारों द्वारा किए जा रहे कथित शोषण के विरोध में कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ गवर्नमेंट एंड एमसी एम्प्लाइज एंड वर्कर्स का एक मास डेलीगेशन के रूप में चीफ इंजीनियर सीबी ओझा से मुलाकात की।
चीफ इंजीनियर का आश्वासन:
डेलीगेशन ने आउटसोर्सिंग वर्करों की सैलरी को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की। चीफ इंजीनियर सीबी ओझा ने भरोसा दिया कि 10 जनवरी तक इंजीनियरिंग विभाग के सभी विंग्स को बजट मिल जाएगा, जिससे वर्करों को उनकी लंबित सैलरी का भुगतान कर दिया जाएगा।
कर्मचारियों का दर्द:
पब्लिक हेल्थ सर्कल, कंस्ट्रक्शन सर्कल और इलेक्ट्रिकल सर्कल में काम कर रहे आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को पिछले दो महीनों से वेतन नहीं मिला है। 10 और 18 दिसंबर को किए गए विरोध प्रदर्शन के बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। इससे कर्मचारियों में निराशा और आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
विरोध तेज करने की चेतावनी:
डेलीगेशन ने स्पष्ट किया कि अगर 10 जनवरी तक वेतन का भुगतान नहीं हुआ, तो प्रदर्शन को और तेज किया जाएगा। कमेटी के महासचिव राकेश कुमार और अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि प्रशासन की उदासीनता से कर्मचारियों का जीवन प्रभावित हो रहा है।
डेलीगेशन में शामिल नेता:
मुलाकात में कोऑर्डिनेशन कमेटी के महासचिव राकेश कुमार, इलेक्ट्रिकल वर्कमैन यूनियन के प्रधान किशोरी लाल, चेयरमैन वरिंदर बिष्ट, वाइस प्रेसीडेंट सुखविंदर, पब्लिक हेल्थ वर्कर्स यूनियन के प्रतिनिधि रघबीर सिंह, प्रदीप सिंह और गुरप्रीत सिंह, तथा चंडीगढ़ बिल्डिंग मेंटिनेंस वर्कर्स यूनियन के प्रधान करपण सहित अन्य वर्कर शामिल थे।
कर्मचारियों की मांग:
कर्मचारियों ने प्रशासन से अपील की है कि वेतन भुगतान में देरी न की जाए और बजट की समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाए। यह मुद्दा न केवल कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर रहा है, बल्कि उनके मनोबल को भी गिरा रहा है।
यदि 10 जनवरी तक समस्या का समाधान नहीं होता, तो चंडीगढ़ में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन देखने को मिल सकते हैं।
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