चंडीगढ़: प्रशासन की अनदेखी से वाहन स्क्रैप पॉलिसी बेअसर, सरकारी कार्यालयों में कंडम वाहनों का अंबार
पिछल्लें 20 साल से अधिक पुरानी हीरो होंड़ा की 2 दर्जन से भी अधिक बाइक पड़ी
शहर की अधिकतर सरकारी पर्किंग में खड़े कंडम वाहन, लोगो के लिए पार्किंग की समस्या
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 19 जनवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 13 अगस्त 2021 को घोषित वाहन स्क्रैप पॉलिसी का पालन चंडीगढ़ प्रशासन में अधूरा नजर आ रहा है। सिटी ब्यूटीफुल के सरकारी कार्यालयों और पार्किंग स्थलों में दशकों पुराने कंडम वाहनों का अंबार लगा है। इससे न केवल शहर की सुंदरता प्रभावित हो रही है बल्कि जगह की कमी के चलते जनता को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
उपायुक्त कार्यालय में खड़े 20 साल पुराने वाहन
सेक्टर-17 स्थित उपायुक्त कार्यालय की पार्किंग में 20 साल से भी पुराने वाहन खड़े धूल खा रहे हैं। इनमें दो दर्जन से अधिक हीरो होंडा बाइक और अन्य वाहन शामिल हैं। शरारती तत्व इन वाहनों के पार्ट्स भी चुरा ले गए हैं, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। जिला उपायुक्त कार्यालय में पिछल्लें 20 साल से भी अधिक पुरानी हीरो होंड़ा की 2 दर्जन से भी अधिक बाइक व अन्य कंडम वाहन धूल चाट रहे है। चंडीगढ़ प्रशासन ने किसी समय यह राज्य विभाग के पटवारी के लिए खरीदी थी। मगर यह 20 साल से कंडम हालात में जिला उपयुक्त ऑफिस कार्यालय के बाहर एक पार्किंग में पड़ी है। शरारत्ती तत्व इन बाइक से अधिकतर पार्ट भी खोल कर ले गए। जबकी जिला उपायुक्त कार्यालय में प्रशासन के अधिकत्तर अधिकारी आतें है। कियाी भी अधिकारी का इनकी तरफ़ कोई ध्यान नही है। वही यही हॉल साथ ही नगर निगम के कार्यालय में है। नगर निगम कार्यालय में भी दर्जनो कंडम वाहन पड़े है। जो गाड़ियां अपनी समय अवधि पूरा कर लें तो उन्हें स्क्रैप प्लांट में स्क्रैप कराना जरूरी है।
नगर निगम कार्यालय में भी वही हाल
नगर निगम कार्यालय में भी स्थिति कुछ अलग नहीं है। दशकों पुराने कंडम वाहन निगम परिसर में खड़े-खड़े जंग खा रहे हैं। जबकि प्रशासन ने 28 मार्च 2023 को 15 साल से पुराने वाहनों की सूची तैयार कर इन्हें स्क्रैप करने के निर्देश जारी किए थे।
प्रशासक के आदेशों की अनदेखी
28 मार्च 2023 को प्रशासन ने 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को स्क्रैप करने का ऐलान किया था। आदेश के अनुसार, 1 अप्रैल 2023 से इन वाहनों का पंजीकरण नवीनीकरण भी बंद कर दिया गया। इसके बावजूद प्रशासनिक दफ्तरों में करोड़ों रुपये की कीमत के वाहन कूड़े में तब्दील हो रहे हैं।
सड़कों पर पार्किंग की समस्या बढ़ी
चंडीगढ़ में पहले ही पार्किंग स्थलों की भारी कमी है। इसके बावजूद, सरकारी दफ्तरों की पार्किंग में जंग खा रहे वाहन जगह घेर रहे हैं। जनता का आरोप है कि प्रशासन जनता के खून-पसीने की कमाई को यूं ही बर्बाद कर रहा है।
कानूनी विवाद नहीं, फिर भी कार्रवाई नहीं
इन वाहनों को स्क्रैप करने में किसी कानूनी विवाद या नीलामी में कोई अड़चन नहीं है। इसके बावजूद, प्रशासन की लापरवाही से करोड़ों रुपये के सरकारी वाहन बेकार हो रहे हैं।
चिंता का विषय: करोड़ों के कंडम वाहन बेकार पड़े
चिंता की बात यह है कि नई स्क्रैप पॉलिसी के बावजूद प्रशासन के मुख्यालयों और अन्य कार्यालय परिसरों में जेसीबी, एंबेसडर कारों, ट्रैक्टर-ट्रॉलियों समेत कई वाहन धूल-मिट्टी और बारिश में नष्ट हो रहे हैं।
जनता की मांग: सख्त कार्रवाई हो
जनता का कहना है कि प्रशासन को स्क्रैप पॉलिसी का कड़ाई से पालन करना चाहिए। इन वाहनों को हटाकर पार्किंग समस्या को सुलझाने और सार्वजनिक धन का उचित उपयोग सुनिश्चित करना जरूरी है। चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा वाहन स्क्रैप पॉलिसी पर लापरवाही, शहर की सुंदरता और संसाधनों का दुरुपयोग दोनों को दर्शाती है। अब देखना होगा कि प्रशासन कब तक इस गंभीर समस्या पर ध्यान देता है और इसे हल करने के लिए ठोस कदम उठाता है।
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