Chd बिजली विभाग के निजीकरण के विरोध में शहरवासियों ने धनास में विरोध प्रदर्शन किया
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 19 जनवरी। चंडीगढ़ बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ 41वें दिन भी शहरवासियों ने सेक्टर 14 वैस्ट ( धनास) में धरना दिया और चंडीगढ़ प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। शहर के विभिन्न सेक्टरों के निवासियों के अलावा स्थानीय सेक्टरवासियों ने भी इसमें बड़ी संख्या में भाग लिया। आज के विरोध मार्च की अगवाई नौजवान किसान एकता के परविन्दर सिंह,आर डबल्यू एके अवतार सिंह, गुरुद्वारा साहब के प्रितपाल सिंह ,सीनियर सिटीजन के गुरनाम सिंह नारी शक्ति की शैलजा शर्मा, सुखदेव सिंह ,दिनेश प्रसाद आशा राणा,राम आधार, जोगा सिंह ने की। गुरुद्वारा साहिब से शुरु कर मार्च मिल्क कालौनी, हाउसिंग बोर्ड, व बाजारों से होते हुए कई रिहायशी इलाकों से गुजरा और पुनः गुरूद्वारा के पास समाप्त हुआ। रोष मार्च को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन बिजली विभाग को निजी कम्पनी के हाथों में सौंपकर चंडीगढ़ के लोगों को दोहरी परेशानी दे रहा है। निजी हाथों में देने से समाज के हर वर्ग को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि एक तरफ बिजली विभाग निजी हाथों में जाने से सरकारी नौकरियाँ खत्म हो जाएँगी और आने वाली युवा पीढ़ी सरकारी नौकरियों से वंचित हो जाएगी, वहीं दूसरी तरफ शहरवासियों को निजी संस्थाओं से बिजली खरीदनी पड़ेगी कई गुना लागत भी बढ़ जाती है, जिसका असर महंगाई के कारण उन पर भी पड़ेगा। जनता को मंहगी बिजली का भार सहना पड़ेगा। वक्ताओं ने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन इस तानाशाही फैसले को वापस ले, अन्यथा वे और भी गंभीर कदम उठाने को मजबूर होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी चंडीगढ़ प्रशासन की होगी। इस अवसर पर बोलते हुए सभी वक्ताओं ने कहा कि यह मुद्दा सिर्फ बिजली कर्मचारियों का नहीं है, यह लड़ाई चंडीगढ़ के आम लोगों की लड़ाई है। सभी को चंडीगढ़ प्रशासन के निजीकरण के फैसले का विरोध करना चाहिए ताकि प्रशासन को इस जनविरोधी फैसले को वापस लेने पर मजबूर किया जा सके। वक्ताओं ने कहा कि जब तक चंडीगढ़ प्रशासन अपना फैसला वापस नहीं ले लेता, यह संघर्ष जारी रहेगा। आज के विरोध मार्च में बड़ी संख्या में युवा, बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं शामिल हुईं।
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