भाखड़ा ब्यास इम्प्लाईज यूनियन की भूख हड़ताल 12वें दिन में दाखिल, मांगों पर अडिग रुख
रमेश गोयत
चंडीगढ़,19 जनवरी। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) मुख्यालय, सेक्टर-19बी के समक्ष भाखड़ा ब्यास इम्प्लाईज यूनियन (एटक-ऐफी) की क्रमिक भूख हड़ताल 12वें दिन में प्रवेश कर गई। कर्मचारियों की लंबित मांगों के समाधान के लिए यूनियन दृढ़ता से आंदोलन कर रही है।
यूनियन शाखा संगरूर और पटियाला के सदस्यों, तिजेंदर पाल सिंह और जगतार सिंह ने 24 घंटे की भूख हड़ताल समाप्त की। उन्हें चंडीगढ़ शाखा के साथी काबुल सिंह और जालंधर शाखा के साथी गुरसरन सिंह ने जूस पिलाकर उठाया। इसके बाद जालंधर यूनिट के साथी प्रधान तरसेम सिंह और गुरसरन सिंह ने अगली 24 घंटे की भूख हड़ताल शुरू की।
मुख्य मांगें
यूनियन के प्रधान अशोक कुमार शर्मा ने प्रेस नोट में बताया कि उनकी प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:
उत्पादन भत्ता: वर्ष 2022-23 और 2023-24 का उत्पादन भत्ता जारी करना।
वेतनमान: राजस्थान से आए कर्मचारियों को बीबीएमबी के वेतनमान में शामिल करना।
अनुबंधित कर्मचारियों के अधिकार: नियमित कर्मचारियों की भांति ओवरटाइम, मेडिकल, और छुट्टियों की सुविधा प्रदान करना।
एरियर का भुगतान: 1 जनवरी 2016 से 30 जून 2021 तक का बकाया एरियर जारी करना।
पार्ट-टाइम कर्मचारियों का नियमितीकरण: उनके कार्यकाल और वेतन को बढ़ाकर डीसी रेट लागू करना।
कैशलेस सुविधा: कर्मचारियों को चिकित्सा लाभ के लिए कैशलेस सुविधा प्रदान करना।
आउटसोर्स भर्ती बंद करना: सीधी भर्ती को बढ़ावा देना और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के अधिकार सुरक्षित करना।
ब्यास डैम की सिल्वर जुबली: इस अवसर पर प्रत्येक कर्मचारी को दो वेतन का लाभ देना।
पेस्को कर्मचारियों के अधिकार: श्रमायुक्त के आदेशानुसार बकाया एरियर का भुगतान करना।
संघर्ष रहेगा जारी
यूनियन ने स्पष्ट किया कि जब तक उनकी सभी मांगों का स्थायी समाधान नहीं होता, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने प्रशासन पर कर्मचारियों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए आंदोलन को तेज करने की चेतावनी दी है।
समर्थन बढ़ता जा रहा है
हरियाणा और पंजाब के विभिन्न यूनिटों से कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल हो रहे हैं। यूनियन के मुताबिक, संघर्ष का यह स्वरूप केवल कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए है।
सरकार और प्रशासन से अपील
यूनियन ने चंडीगढ़ प्रशासन और बीबीएमबी प्रबंधन से अपील की है कि वे जल्द से जल्द उनकी मांगों को स्वीकार करें। मांगों के समाधान में हो रही देरी कर्मचारियों के बीच आक्रोश बढ़ा रही है।
यह हड़ताल कर्मचारियों की एकजुटता और उनके अधिकारों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। अब देखना होगा कि बीबीएमबी प्रबंधन उनकी मांगों को कब और कैसे पूरा करता है।
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