जींद: किसान संगठनों की एकता को लेकर बैठक, 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च का ऐलान
बाबूशाही ब्यूरो
जींद, 19 जनवरी: संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के बीच एकता को लेकर चल रही चर्चा अभी पूरी तरह से सुलझ नहीं पाई है। शनिवार को पातड़ा के गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर साहिब में दोनों संगठनों की बैठक हुई, लेकिन सहमति पर पहुंचने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने और समय मांगा है।
26 जनवरी को होगा ट्रैक्टर मार्च
दोनों संगठनों ने फैसला किया है कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च और अन्य सभी कार्यक्रम मिलकर आयोजित किए जाएंगे। किसान नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए यह कदम उठाया जाएगा। इसके अलावा, 20 जनवरी को लोकसभा और राज्यसभा सांसदों के आवास पर धरने देकर ज्ञापन सौंपा जाएगा।
बैठक में किसान नेताओं का बयान
बैठक के बाद किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि, “हमने बातचीत जारी रखी है। संयुक्त किसान मोर्चा के साथी इस पर विचार करेंगे और जल्द जवाब देंगे। हम पूर्ण एकता के पक्ष में हैं और प्रयासरत हैं।" उन्होंने बताया कि 21 जनवरी को 101 किसानों का जत्था दिल्ली के लिए कूच करेगा।
नई खेती नीति पर 24 जनवरी को दिल्ली में बैठक
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता रमींदर सिंह पटियाला ने बताया कि नई खेती नीति के ड्राफ्ट पर दोनों संगठनों के बीच चर्चा की जाएगी। 6 सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट 24 जनवरी को दिल्ली में होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में पेश की जाएगी।
धरने और ज्ञापन सौंपने की योजना
किसानों ने 20 जनवरी को सांसदों के आवास पर धरने और ज्ञापन सौंपने का कार्यक्रम घोषित किया है। इस कदम का उद्देश्य सरकार पर दबाव बनाना है ताकि किसान आंदोलन के मुद्दों का समाधान निकाला जा सके।
एकता के प्रयास जारी
संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा के नेताओं ने भरोसा दिलाया है कि एकता के लिए बातचीत जारी रहेगी। दोनों संगठन केंद्र सरकार के खिलाफ मिलकर आंदोलन करने की तैयारी में हैं।
किसानों का यह आंदोलन एक बार फिर कृषि कानूनों और अन्य मुद्दों को लेकर सरकार पर दबाव बढ़ाने की ओर संकेत करता है। 26 जनवरी का ट्रैक्टर मार्च किसानों की ताकत और एकता का प्रदर्शन करेगा।
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