ईपीएफओ ने पीएफ हस्तांतरण प्रक्रिया को किया सरल, सदस्यों को मिलेगा बड़ा लाभ
बाबुशाही ब्यूरो
नई दिल्ली, 19 जनवरी। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने सदस्यों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पीएफ खाते के हस्तांतरण की प्रक्रिया को सरल बना दिया है। नौकरी बदलने पर पीएफ ट्रांसफर के लिए अब अधिकांश मामलों में नियोक्ता के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होगी। यह कदम न केवल प्रक्रिया को तेज बनाएगा बल्कि सदस्यों की शिकायतों को भी कम करेगा।
94% दावे होंगे नियोक्ता के बिना स्वीकृत
ईपीएफओ के मुताबिक, नई प्रक्रिया के तहत कुल 1.30 करोड़ में से 1.20 करोड़ हस्तांतरण दावे यानी 94% दावे सीधे ईपीएफओ को भेजे जाएंगे। यह नियोक्ता की भूमिका को खत्म करते हुए सीधे सदस्यों के लिए सेवा प्रक्रिया को आसान बनाएगा।
1 अप्रैल 2024 से लेकर अब तक ईपीएफओ ने लगभग 1.30 करोड़ ऑनलाइन स्थानांतरण दावे प्राप्त किए हैं। इनमें से लगभग 45 लाख दावे ऑटो-जेनरेटेड थे, जो कुल दावों का 34.5% हैं।
समस्या और समय में आएगी कमी
सरलीकृत प्रक्रिया के चलते पीएफ ट्रांसफर के टर्नअराउंड समय (टीएटी) में भारी कमी आएगी। ईपीएफओ की रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में कुल शिकायतों का 17% पीएफ ट्रांसफर से संबंधित होता है। नई प्रणाली इन शिकायतों और अस्वीकृतियों को कम करने में मदद करेगी।
बड़े नियोक्ताओं के लिए, जिन पर बड़ी संख्या में ट्रांसफर दावों को मंजूरी देने का दबाव रहता है, यह प्रक्रिया व्यापार करने में आसानी सुनिश्चित करेगी और दक्षता में सुधार करेगी।
प्रौद्योगिकी का उपयोग और ईपीएफओ का उद्देश्य
नई प्रक्रिया के तहत स्थानांतरण दावे सीधे ईपीएफओ द्वारा संसाधित किए जाएंगे, जिससे न केवल समय की बचत होगी बल्कि ईपीएफओ सेवाओं में भरोसा भी बढ़ेगा। प्रौद्योगिकी के उपयोग और सदस्य-केंद्रित नीतियों के साथ, ईपीएफओ का उद्देश्य अपने सदस्यों को निर्बाध, तेज और सुरक्षित सेवाएं प्रदान करना है।
सरकार की प्रतिबद्धता
यह पहल सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो सेवा वितरण को बेहतर बनाने और सदस्यों के जीवन को आसान बनाने की दिशा में है। प्रक्रिया को सरल बनाकर, ईपीएफओ ने साबित किया है कि वह अपने सदस्यों की सुविधा और उनकी शिकायतों को कम करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
ईपीएफओ के इस कदम से लाखों कर्मचारियों को लाभ होगा और पीएफ ट्रांसफर की प्रक्रिया अब और अधिक पारदर्शी और तेज हो जाएगी।
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