हरियाणा: 370 भ्रष्टाचार के आरोपी पटवारियों की सूची जारी, नायब सैनी सरकार ने सख्ती का दिया संकेत, लिस्ट लीक करने वालो पर भी गिरेगी गाज
बाबूशाही ब्यूरो
कैथल, 19 जनवरी। हरियाणा में भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए राजस्व विभाग ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 370 पटवारियों की सूची जारी की है, जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। यह सूची प्रदेश की सभी तहसीलों में काम कर रहे पटवारियों के खिलाफ मिली शिकायतों और विभागीय जांच के आधार पर तैयार की गई है।
जांच प्रक्रिया जारी
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्य सरकार "जीरो टॉलरेंस" की नीति अपना रही है। उन्होंने कहा,
"इस सूची की सत्यता की जांच की जा रही है। पता लगाया जा रहा है कि यह सूची कहां से और कैसे जारी हुई। जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"
सरकार का सख्त संदेश
सीएम ने स्पष्ट किया कि सरकार जनता से किए गए अपने वादों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और भ्रष्टाचार को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
"हरियाणा में सुशासन हमारी प्राथमिकता है। जनता को पारदर्शी और भ्रष्टाचार-मुक्त सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं," उन्होंने कहा।
370 पटवारियों की सूची में शामिल जिलों के नाम
सूत्रों के अनुसार, सूची में राज्य के सभी जिलों के पटवारी शामिल हैं। इनमें सबसे अधिक मामले कैथल, करनाल, जींद, और सिरसा जिलों से सामने आए हैं।
पटवारियों की भूमिका पर सवाल
पटवारी, जो जमीन के रिकॉर्ड और राजस्व संबंधी कार्यों के लिए जिम्मेदार होते हैं, पर लंबे समय से रिश्वतखोरी और रिकॉर्ड में हेरफेर जैसे आरोप लगते रहे हैं। इस सूची के जारी होने से पटवारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे हैं और प्रशासनिक सुधार की मांग तेज हो गई है।
जनता का रुख
भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्य सरकार की इस कार्रवाई को जनता ने सराहा है। कैथल निवासी एक किसान ने कहा,
"अगर सरकार इन दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करती है तो यह आम जनता के लिए बड़ी राहत होगी।"
आगे की कार्रवाई
राजस्व विभाग ने यह भी संकेत दिया है कि दोषी पटवारियों पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिसमें बर्खास्तगी और कानूनी कार्रवाई शामिल हो सकती है। इसके अलावा, राज्य सरकार भ्रष्टाचार रोकने के लिए डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने और प्रक्रियाओं को ऑनलाइन करने पर विचार कर रही है।
निष्कर्ष
हरियाणा सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाए गए इस कदम ने राजस्व विभाग में सुधार की उम्मीदें जगाई हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जांच के बाद सरकार दोषियों के खिलाफ क्या कदम उठाती है और कैसे यह कार्रवाई राज्य में प्रशासनिक सुधार का मार्ग प्रशस्त करती है।
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