चंडीगढ़ स्मार्ट सिटी में यूपीएस और बैटरियों की चोरी का सिलसिला जारी, नशेड़ी बन रहे बड़ा खतरा
रमेश गोयत
चंडीगढ़। शहर को स्मार्ट बनाने के लिए स्थापित किए गए उपकरणों पर लगातार चोरी की घटनाएं सवाल खड़े कर रही हैं। ताजा मामले में चंडीगढ़ स्मार्ट सिटी लिमिटेड के असिस्टेंट प्रोजेक्ट मैनेजर वरुण चुग ने शिकायत दर्ज कराई है कि सेक्टर-16/17 लाइट प्वाइंट से अज्ञात व्यक्ति ने 6 बैटरियां और 2 यूपीएस चुरा लिए।
एफआईआर दर्ज:
चंडीगढ़ के पुलिस स्टेशन-17 में इस संबंध में धारा 303(2) बीएनएस के तहत एफआईआर नंबर 11 दर्ज की गई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन चोरों का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है।
चोरी के पिछले मामले
यह पहली बार नहीं है जब चंडीगढ़ स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के उपकरण चोरी हुए हों। इससे पहले भी ऐसी घटनाएं सामने आई हैं:
दिसंबर 2024: सेक्टर-34 के पास स्मार्ट सिटी की 8 बैटरियां चोरी हुई थीं।
नवंबर 2024: सेक्टर-22 लाइट प्वाइंट से 4 यूपीएस और 10 बैटरियां चुरा ली गईं।
अक्टूबर 2024: सेक्टर-43 बस स्टैंड पर लगे कैमरों की बैटरियां और उपकरण चोरी हुए।
चोरी के कारण और नशाखोरी का कनेक्शन
पुलिस के अनुसार, अधिकतर चोरी के मामलों में नशे की लत से जूझ रहे लोग शामिल पाए गए हैं। ये उपकरण बाजार में आसानी से बेचे जा सकते हैं और इनके बदले नशे के लिए पैसा जुटाया जाता है।
वरिष्ठ अधिकारी का बयान:
स्मार्ट सिटी परियोजना से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, "ये उपकरण शहर की सुरक्षा और स्मार्ट प्रोजेक्ट के संचालन के लिए महत्वपूर्ण हैं। बार-बार हो रही चोरी से परियोजना पर असर पड़ रहा है।"
पुलिस की कार्रवाई और चुनौतियां
सीसीटीवी फुटेज की जांच: चौराहों और आसपास के क्षेत्रों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है।
नशाखोरी का मुकाबला: पुलिस का मानना है कि नशेड़ियों पर सख्ती और नशामुक्ति अभियानों के माध्यम से इस समस्या को कम किया जा सकता है।
गश्त बढ़ाई गई: चोरी के हॉटस्पॉट्स पर पुलिस ने गश्त तेज कर दी है।
स्मार्ट सिटी परियोजना को बड़ा नुकसान
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लगाए गए उपकरणों की कीमत लाखों रुपये में है। बार-बार हो रही चोरी से न केवल आर्थिक नुकसान हो रहा है, बल्कि प्रोजेक्ट के उद्देश्यों पर भी असर पड़ रहा है।
नागरिकों के लिए अपील
पुलिस और स्मार्ट सिटी अधिकारी नागरिकों से सतर्क रहने और संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत सूचना देने की अपील कर रहे हैं। "अगर आप किसी को सार्वजनिक स्थानों पर उपकरणों के साथ छेड़छाड़ करते देखें, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें," एक अधिकारी ने कहा।
चंडीगढ़ में स्मार्ट सिटी परियोजना के उपकरणों की चोरी न केवल सुरक्षा बल्कि विकास के लिए भी खतरा बन रही है। इसे रोकने के लिए पुलिस और प्रशासन को मिलकर ठोस कदम उठाने होंगे, साथ ही नशाखोरी की समस्या का समाधान ढूंढना होगा।
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