हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने पंचकूला में अवैध खनन पर लिया स्वतः संज्ञान, त्वरित कार्रवाई के निर्देश
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 26 अप्रैल 2025: हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने पंचकूला जिले के कई गांवों में अवैध खनन और उससे उत्पन्न पर्यावरणीय संकट पर स्वतः संज्ञान लेते हुए केस नंबर 684/14/2025 के तहत कार्रवाई शुरू की है। आयोग को प्राप्त रिपोर्ट में खेड़ावाली, बाध, लेही, थाने की सेर सहित अन्य गांवों में अवैध खनन, बिना अनुमति संचालित स्टोन क्रशर और भट्टियों के कारण गंभीर प्रदूषण की बात कही गई है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि इन गतिविधियों से बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ा है। साथ ही, उपजाऊ कृषि भूमि का नुकसान लोगों के जीविका के अधिकार का सीधा उल्लंघन है।
आयोग के चेयरपर्सन जस्टिस ललित बत्रा और सदस्यों कुलदीप जैन व दीप भाटिया ने इस मामले को संविधान के अनुच्छेद 21 — जीवन, स्वास्थ्य और गरिमा से जीने के अधिकार — का गंभीर उल्लंघन बताया है। इसके साथ ही यह अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समझौतों का भी उल्लंघन माना गया है।
आयोग की प्राथमिक टिप्पणियाँ:
वायु, जल और मृदा प्रदूषण में वृद्धि
ओवरलोड डंपरों से सड़कों को नुकसान और यात्रियों की सुरक्षा पर खतरा
ग्रामीणों की लगातार उपेक्षा के बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों की निष्क्रियता
आजीविका पर सीधा प्रभाव और कृषि भूमि का क्षरण
कानूनी उल्लंघन:
आयोग ने विभिन्न केंद्रीय और राज्य कानूनों — जैसे खनिज अधिनियम, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, वन कानून, और हरियाणा सरकार की 2016 की अधिसूचना — का उल्लंघन स्पष्ट रूप से उजागर किया है।
जारी निर्देश:
आयोग ने संबंधित विभागों को 28 मई 2025 को अगली सुनवाई से पहले निम्नलिखित विवरण प्रस्तुत करने को कहा है:
अवैध खनन और औद्योगिक इकाइयों की वर्तमान स्थिति व नियंत्रण उपाय
पर्यावरणीय क्षति का विस्तृत मूल्यांकन
दोषियों के खिलाफ की गई कार्रवाई का ब्यौरा
निगरानी और प्रवर्तन तंत्र को प्रभावी बनाने के लिए ठोस योजनाएं
हरियाणा मानवाधिकार आयोग के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. पुनीत अरोड़ा ने कहा कि आयोग स्वयं इस प्रकरण की निगरानी करेगा और सुनिश्चित करेगा कि सभी विभाग अपने दायित्वों का सही तरह निर्वहन करें।
जिन विभागों को नोटिस भेजे गए हैं:
हरियाणा सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव (पर्यावरण)
निदेशक जनरल, खनन एवं भूविज्ञान विभाग
हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष व क्षेत्रीय अधिकारी
प्रधान मुख्य वन संरक्षक, हरियाणा
उपायुक्त व पुलिस आयुक्त, पंचकूला
आयोग ने इन सभी अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से अगली सुनवाई में उपस्थित होकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
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