13 महीने बाद खाली हुआ शंभू और खनौरी बॉर्डर, पुलिस ने 200 किसानों को हिरासत में लिया
रमेश गोयत
चंडीगढ़ , 20 मार्च: पंजाब पुलिस ने 13 महीने से जारी किसान आंदोलन को समाप्त करते हुए मंगलवार रात शंभू और खनौरी बॉर्डर को पूरी तरह खाली करा लिया। पिछले साल 13 फरवरी 2024 से किसान यहां धरने पर बैठे थे। पुलिस ने इस दौरान करीब 200 किसानों को हिरासत में लिया और उनके बनाए अस्थायी टेंट व शेड को बुलडोजर से हटा दिया।
बॉर्डर खाली होने के बाद हरियाणा पुलिस ने भी बैरिकेडिंग हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इससे शंभू बॉर्डर पर जीटी रोड को फिर से वाहनों के लिए खोलने की तैयारी की जा रही है, जिससे आम जनता को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
वार्ता विफल, किसान अड़े रहे
इससे पहले, चंडीगढ़ में केंद्र सरकार और किसानों के बीच बुधवार को सातवें दौर की बैठक हुई। बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भाग लिया। करीब चार घंटे चली इस बातचीत में कोई ठोस नतीजा नहीं निकला।
किसान संगठनों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के लिए कानून की अपनी मांग दोहराई, लेकिन सरकार ने इसे लेकर समय मांगा। अब अगली बैठक 4 मई को होगी।
कई किसान नेता हिरासत में, संगरूर में झड़प
बैठक के बाद किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के संयोजक सरवण पंधेर और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल सहित कई किसान नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
डल्लेवाल को जालंधर के पिमस अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पंधेर को मोहाली में एयरपोर्ट रोड पर रोका गया।
काका सिंह कोटड़ा, अभिमन्यु कोहाड़ और मनजीत राय को भी गिरफ्तार किया गया।
इस कार्रवाई के बाद संगरूर में पुलिस और किसानों के बीच झड़प हुई, जहां पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।
बॉर्डर पर चला बुलडोजर
शाम करीब 8 बजे पंजाब पुलिस ने भारी फोर्स के साथ बॉर्डर खाली कराने की कार्रवाई शुरू की। पटियाला के SSP नानक सिंह ने बताया कि यह कार्रवाई ड्यूटी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में की गई।
उन्होंने कहा, "किसानों को पहले चेतावनी दी गई थी, कुछ ने खुद लौटने की इच्छा जताई, जिन्हें बसों से रवाना किया गया। कार्रवाई के दौरान कोई बल प्रयोग नहीं किया गया।"
13 महीने से चल रहा था आंदोलन
किसानों ने पिछले साल 13 फरवरी को दिल्ली मार्च की घोषणा की थी, लेकिन हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक दिया। इस दौरान किसानों ने चार बार दिल्ली जाने की कोशिश की, लेकिन हर बार उन्हें सीमा पर रोक दिया गया।
हाल ही में पंजाब सरकार ने भी किसानों से बॉर्डर खाली करने की अपील की थी, जिसे ठुकरा दिया गया था। इसके बाद पुलिस ने यह सख्त कदम उठाया।
अब जब बॉर्डर खाली हो गया है, प्रशासन जल्द ही GT रोड को आम लोगों के लिए खोल सकता है।
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