पंचकूला में हरे-भरे पेड़ों पर चली कुल्हाड़ी, नगर निगम का बागवानी विंग कटघरे में
नए पेड़ लगाने की बजाय हरे-भरे पेड़ों की कटाई जारी, पर्यावरणप्रेमियों में रोष
बाबूशाही ब्यूरो
पंचकूला, 20 मार्च: पंचकूला नगर निगम का बागवानी विभाग हरे-भरे पेड़ों की कटाई को लेकर सवालों के घेरे में आ गया है। नए पेड़ लगाने के बजाय निगम के कर्मचारी पिछले एक महीने से हरे-भरे पेड़ों पर कुल्हाड़ी चला रहे हैं। अकेले सेक्टर-11 में ही दर्जनों पेड़ काटे जा चुके हैं, जिससे स्थानीय निवासियों और पर्यावरण प्रेमियों में भारी आक्रोश है।
सेक्टर-11 में फिर काटा हरा-भरा आम का पेड़
गुरुवार को पंचकूला के सेक्टर-11 स्थित मकान नंबर 996 के सामने एक हरा-भरा आम का पेड़ निगम के बागवानी विंग द्वारा काट दिया गया। स्थानीय निवासियों ने जब विरोध किया तो मौके पर मौजूद कर्मचारी यह कहकर पल्ला झाड़ते दिखे कि वे कच्चे कर्मचारी हैं और यह आदेश उन्हें ऊपर से मिले हैं।
"साहब का आदेश है, मजबूरी में काट रहे हैं"
पेड़ काट रहे एक कर्मचारी ने बताया, "हम सिर्फ आदेश का पालन कर रहे हैं। साहब ने कहा था कि यह उनके जानकार का घर है और प्रूनिंग के बहाने पेड़ काट देना है। हमारी कोई गलती नहीं, मजबूरी है।"
नियमों की उड़ रही धज्जियां
नगर निगम के नियमानुसार, किसी भी हरे-भरे पेड़ को काटने से पहले आवश्यक अनुमति लेना जरूरी होता है। यदि कोई पेड़ खतरनाक स्थिति में हो, तभी उसे काटा जा सकता है, वह भी उचित प्रक्रिया के तहत। लेकिन यहां बिना किसी वैध अनुमति के पेड़ों की कटाई हो रही है।
स्थानीय निवासी बोले— "पर्यावरण से खिलवाड़ बंद करो"
सेक्टर-11 के एक निवासी ने रोष जताते हुए कहा, "यहां हरे-भरे पेड़ों को बेवजह काटा जा रहा है। नगर निगम को पेड़ लगाने चाहिए, न कि कटाई करनी चाहिए। अगर ऐसे ही चलता रहा तो आने वाले वर्षों में पंचकूला कंक्रीट का जंगल बनकर रह जाएगा।"
पर्यावरण प्रेमी करेंगे विरोध
पर्यावरणविदों का कहना है कि नगर निगम की इस हरकत का विरोध किया जाएगा। "अगर यह सिलसिला जारी रहा तो हम उच्च अधिकारियों से शिकायत करेंगे और जरूरत पड़ी तो कानूनी कार्रवाई भी करेंगे," एक स्थानीय एनजीओ के प्रतिनिधि ने कहा।
क्या कहता है नगर निगम?
इस पूरे मामले पर नगर निगम के अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। हालांकि, एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि, "पेड़ की प्रूनिंग (छंटाई) के आदेश दिए गए थे, लेकिन अगर पेड़ काट दिया गया है तो इसकी जांच करवाई जाएगी।"
निष्कर्ष
नगर निगम के इस रवैये से पंचकूला में हरियाली पर संकट मंडरा रहा है। अगर जल्द ही इस पर रोक नहीं लगी तो पर्यावरण को गंभीर नुकसान हो सकता है। स्थानीय लोगों और पर्यावरण प्रेमियों ने प्रशासन से अपील की है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और अनावश्यक पेड़ कटाई को तुरंत रोका जाए।
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