केंद्र सरकार की बड़ी सौगात: जीरकपुर बाईपास परियोजना को मिली मंजूरी, ट्राइसिटी को मिलेगा जाम से निजात
रमेश गोयत
चंडीगढ़09 अप्रैल। केंद्र सरकार ने पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के लाखों लोगों को बड़ी राहत देते हुए बुधवार को बहुप्रतीक्षित जीरकपुर बाईपास सड़क परियोजना को मंजूरी दे दी है। यह परियोजना पिछले 11 वर्षों से योजना स्तर पर अटकी हुई थी। अब केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा इसे मंजूरी मिलने के बाद इसका निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा।
प्रोजेक्ट की कुल लागत 1878.31 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है, और यह हाइब्रिड एन्युटी मोड पर बनाया जाएगा।
क्या है जीरकपुर बाईपास प्रोजेक्ट?
यह बाईपास सड़क कुल 19.2 किलोमीटर लंबी छह लेन की सड़क होगी, जो एनएच-7 (जीरकपुर-पटियाला) के जंक्शन से शुरू होकर एनएच-5 (जीरकपुर-परवाणू) के जंक्शन पर समाप्त होगी। इसका उद्देश्य ट्राइसिटी यानी चंडीगढ़, मोहाली और पंचकूला में बढ़ते ट्रैफिक दबाव को कम करना है।
क्या होंगे फायदे?
जाम से राहत: जीरकपुर और आसपास के क्षेत्रों में रोज़ाना लगने वाले जाम से छुटकारा मिलेगा।
पर्यावरण संरक्षण: ट्रैफिक डायवर्जन से शहरों में प्रदूषण भी कम होगा।
सड़क सुरक्षा: ट्रैफिक का बोझ कम होने से सड़क हादसों में भी कमी आने की संभावना है।
यात्रा में बचत: लंबे रूट और जाम के कारण लगने वाला अतिरिक्त समय और ईंधन की भी बचत होगी।
हिमाचल और पंजाब को सीधा फायदा: इस बाईपास के माध्यम से हिमाचल और पंजाब के बीच आवागमन आसान और तेज़ हो जाएगा।
11 साल की प्रतीक्षा खत्म
गौरतलब है कि इस प्रोजेक्ट की योजना करीब 11 साल पहले बनाई गई थी, लेकिन तमाम प्रशासनिक और तकनीकी अड़चनों के चलते इसका काम शुरू नहीं हो पाया था। अब केंद्र सरकार की मंजूरी से यह योजना धरातल पर उतरने जा रही है।
सांसदों और नेताओं ने जताई खुशी
पंजाब और हरियाणा के कई सांसदों व विधायकों ने केंद्र सरकार के इस फैसले की सराहना करते हुए कहा कि यह ट्राइसिटी और उसके आसपास के लाखों लोगों के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय है। जीरकपुर बाईपास न केवल एक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है, बल्कि यह क्षेत्रीय कनेक्टिविटी, आर्थिक विकास और आम जनजीवन की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में एक अहम कदम है।
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