छात्रा को मिला न्याय: हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने स्कूल के खिलाफ दिए सख्त निर्देश
चरखी दादरी के स्कूल में छात्रा के साथ शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का मामला, आयोग ने माना मौलिक अधिकारों का उल्लंघन
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़ | 9 अप्रैल 2025:
हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने चरखी दादरी स्थित आर्यन्स मॉडल स्कूल में कक्षा 12वीं की एक छात्रा के साथ हुए शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न के गंभीर मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। आयोग ने छात्रा के बिना सूचना के निलंबन और थप्पड़ मारने की घटना को संविधान और बाल अधिकारों के गंभीर उल्लंघन की श्रेणी में रखा है।
मानवाधिकार उल्लंघन के प्रमुख बिंदु:
-
संविधान के अनुच्छेद 21 और 21A – गरिमा के साथ जीवन और शिक्षा का अधिकार।
-
शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 की धारा 17 – शारीरिक दंड और मानसिक प्रताड़ना पर पूर्ण रोक।
-
संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार संधि – बच्चों की गरिमा व सुरक्षा के लिए भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता।
आयोग द्वारा जारी निर्देशों में शामिल हैं:
-
स्कूल प्रबंधन को निलंबन के लिखित कारण सहित स्पष्टीकरण देना होगा।
-
छात्रा को तत्काल पुनः स्कूल में प्रवेश दिया जाए।
-
जिला शिक्षा अधिकारी (DEO), चरखी दादरी द्वारा मामले की औपचारिक जांच की जाएगी।
-
प्राचार्य को अनिवार्य रूप से प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, पंचकूला द्वारा आयोजित किया जाएगा। प्रशिक्षण का विषय होगा – बाल अधिकार और शारीरिक दंड निषेध।
आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ललित बत्रा ने सभी संबंधित विभागों को आदेश की प्रति भेजने और छात्रों के लिए सुरक्षित व सम्मानजनक शिक्षण वातावरण सुनिश्चित करने पर विशेष बल दिया है।
डॉ. पुनीत अरोड़ा, सूचना व जनसंपर्क अधिकारी, HHRC के अनुसार, यह मामला अब 5 मई 2025 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। आयोग ने स्कूल की प्राचार्य और जिला शिक्षा अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर रिपोर्ट व दस्तावेजों सहित पेश होने का निर्देश दिया है।
यह कार्रवाई न केवल पीड़ित छात्रा के लिए न्याय की दिशा में एक मजबूत कदम है, बल्कि राज्यभर के स्कूलों के लिए एक सख्त संदेश भी कि छात्रों के अधिकारों के साथ किसी भी प्रकार का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here →
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →