हरियाणा में बाढ़ नियंत्रण और जल प्रबंधन को लेकर सख्त हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी
- मानसून से पहले नालों और नहरों की सफाई के सख्त निर्देश
- यमुना में सीवेज गिराने पर लगेगा प्रतिबंध
- बाढ़ नियंत्रण के लिए 657.99 करोड़ रुपये की 352 योजनाएं मंजूर
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 15 मार्च: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मानसून से पहले जलभराव और बाढ़ से बचाव के लिए व्यापक रणनीति बनाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को आदेश दिए हैं कि वे अपने जिलों में नालों और नहरों की सफाई सुनिश्चित करें, ताकि बारिश के दौरान जलभराव की समस्या न हो। इसके अलावा, उन्होंने बाढ़ नियंत्रण से जुड़ी परियोजनाओं की नियमित समीक्षा करने और देरी की स्थिति में जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
बाढ़ नियंत्रण को लेकर 56वीं बैठक में लिए गए अहम फैसले
मुख्यमंत्री ने आज हरियाणा राज्य सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की 56वीं बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में 657.99 करोड़ रुपये की 352 बाढ़ नियंत्रण योजनाओं को मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि अल्पकालिक योजनाओं को 30 जून तक पूरा किया जाए और पंपों की खरीद तुरंत शुरू की जाए।
नहरों की सफाई और मरम्मत पर जोर
मुख्यमंत्री ने राज्य में सभी नहरों की सफाई और पुरानी नहरों की मरम्मत करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि इन कार्यों को प्राथमिकता सूची में डालकर जल्द से जल्द पूरा किया जाए। साथ ही, उन्होंने निर्देश दिए कि नहरों की सफाई का अभियान हर साल नियमित रूप से चलाया जाए।
यमुना में नहीं गिरेगा सीवेज का पानी
मुख्यमंत्री सैनी ने यमुना नदी में सीवेज और प्रदूषित पानी गिरने पर पूरी तरह रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विशेष रूप से पानीपत, सोनीपत, पलवल और यमुनानगर के उपायुक्तों को अपने जिलों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित करने के निर्देश दिए, ताकि गंदे पानी को यमुना में जाने से रोका जा सके।
उन्होंने कहा कि यमुना को स्वच्छ बनाना हरियाणा सरकार की प्राथमिकता है, और इसके लिए संबंधित अधिकारियों को कड़े कदम उठाने होंगे। इसके अलावा, रेवाड़ी के मसानी बैराज में 6 एसटीपी की निगरानी और रखरखाव सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए।
सिंचाई जल का समान वितरण होगा सुनिश्चित
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को सिंचाई के लिए पानी की कोई दिक्कत न हो, इसके लिए जल वितरण को समान और सुचारू रूप से लागू किया जाएगा। उन्होंने सभी जल स्रोतों का सही प्रबंधन करने और पूरे प्रदेश में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
किसानों को फसल विविधीकरण के लिए किया जाएगा जागरूक
मुख्यमंत्री ने किसानों से धान जैसी पानी की अधिक खपत वाली फसलों की जगह अन्य वैकल्पिक फसलें अपनाने का आग्रह किया। इसके लिए सरकार विशेष जागरूकता अभियान चलाएगी, ताकि जल संकट को रोका जा सके और किसान लाभदायक फसलें उगा सकें।
बाढ़ सुरक्षा के लिए स्टोन स्टड और तटबंधों की मजबूती
मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों के किनारे तटबंधों को मजबूत करने और भूमि कटाव को रोकने के लिए स्टोन स्टड बनाए जाएं। उन्होंने सभी उपायुक्तों को अपने जिलों में स्टोन स्टड का सर्वेक्षण कराने और जरूरत पड़ने पर उनकी मरम्मत कराने के निर्देश दिए।
सरकारी अधिकारियों को दी गई सख्त चेतावनी
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि अगर किसी परियोजना में देरी या लापरवाही पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिए कि दोषी ठेकेदारों पर एफआईआर दर्ज करने तक की कार्रवाई की जाए।
उच्चस्तरीय बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी
इस अहम बैठक में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग अग्रवाल और हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण की अध्यक्षा केशनी आनंद अरोड़ा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
हरियाणा सरकार की ये पहल राज्य में जल प्रबंधन को मजबूत बनाएगी और बाढ़ से होने वाले नुकसान को कम करेगी।
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