बड़ी खबर: सुप्रीम कोर्ट का एसजीपीसी को बड़ा झटका, पढ़ें पूरा मामला
चंडीगढ़, 28 फरवरी, 2025- सुप्रीम कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की हरियाणा सरकार द्वारा बार-बार पैरोल या फरलो पर रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। अदालत ने कहा कि किसी व्यक्ति विशेष को दी गई राहत को जनहित याचिका के नाम पर चुनौती नहीं दी जा सकती। यदि उच्च न्यायालय के किसी नियम या आदेश का उल्लंघन हो रहा हो तो उसे उच्च न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है।
यह याचिका शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा दायर की गई थी। 2022 से लेकर अब तक कई बार राम रहीम की जेल से रिहाई का विरोध हो चुका है। राम रहीम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह याचिका राजनीतिक द्वेष के कारण दायर की गई है।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने इस तथ्य पर भी गौर किया कि उच्च न्यायालय ने एक मामले में कहा था कि सरकार नियमों के अनुसार राम रहीम की पैरोल अर्जी पर विचार कर सकती है। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि पिछले साल राम रहीम की रिहाई हाईकोर्ट के इस आदेश का उल्लंघन है। इस पर न्यायाधीशों ने कहा कि यदि ऐसा है तो राज्य सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की जा सकती है। किसी विशिष्ट व्यक्ति को लक्ष्य करके जनहित याचिका दायर करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
केके
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