हरियाणा स्वास्थ्य विभाग की बड़ी कार्रवाई: 40 डॉक्टरों को नौकरी से निकाला जाएगा
रमेश गोयत
पंचकूला, 01 मार्च: हरियाणा सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं में अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए कड़ा रुख अपनाया है। पांच साल या उससे अधिक समय से ड्यूटी से गैरहाजिर करीब 40 डॉक्टरों को नौकरी से निकालने की तैयारी की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग इन चार्जशीटेड डॉक्टरों की सूची तैयार कर चुका है, और उनकी जगह नए डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी।
ड्यूटी ज्वाइन करने के बाद लापता हुए डॉक्टर
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, कई डॉक्टरों ने सरकारी नौकरी हासिल करने के बाद कुछ महीने काम किया, लेकिन फिर बिना किसी सूचना या अनुमति के गायब हो गए। पत्राचार करने पर भी इन डॉक्टरों ने कोई जवाब नहीं दिया। हर 2-3 साल में विभाग ऐसे मामलों की समीक्षा करता है और इस बार सरकार ने सख्त कार्रवाई का निर्णय लिया है।
चार्जशीट का जवाब नहीं, सेवा समाप्त करने की सिफारिश
स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयार सूची में 40 डॉक्टर शामिल हैं, जो पांच साल से ज्यादा समय से ड्यूटी पर नहीं लौटे। चार्जशीट के बाद भी इन डॉक्टरों ने कोई जवाब नहीं दिया, जिसके चलते उनकी सेवा स्वतः समाप्त मान ली गई है। यह रिपोर्ट सरकार को भेज दी गई है और जल्द ही औपचारिक आदेश जारी किए जाएंगे।
10 डॉक्टरों पर कार्रवाई शुरू, बाकी पर जल्द फैसला
विभागीय सूत्रों के मुताबिक, पहले चरण में 10 डॉक्टरों को नौकरी से हटाने के आदेश जारी हो चुके हैं, जबकि शेष अनुपस्थित डॉक्टरों के मामले सरकार के पास विचाराधीन हैं। जल्द ही अन्य डॉक्टरों की सेवाएं भी समाप्त की जाएंगी ताकि रिक्त पदों को भरा जा सके।
नई भर्ती में 206 डॉक्टरों की वेरिफिकेशन अटकी
हरियाणा सरकार ने हाल ही में 777 डॉक्टरों की भर्ती निकाली थी, जिनमें से 579 डॉक्टरों की वेरिफिकेशन पूरी हो चुकी है। हालांकि, 206 डॉक्टर अभी तक वेरिफिकेशन के लिए नहीं पहुंचे, जिससे इन पदों के खाली रहने की आशंका बनी हुई है। अगर ये डॉक्टर आगे भी वेरिफिकेशन नहीं करवाते हैं, तो वेटिंग लिस्ट के उम्मीदवारों को मौका दिया जाएगा।
एचसीएमएस ने सरकार से जल्द निर्णय की मांग की
हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (एचसीएमएस) के अध्यक्ष डॉ. राजेश ख्यालिया ने कहा कि सरकार को गायब डॉक्टरों के मामलों पर जल्द फैसला लेना चाहिए, ताकि रिक्त पदों पर नए डॉक्टरों को ज्वाइन कराया जा सके।
समिति को सौंपा गया था कारणों का अध्ययन, रिपोर्ट नहीं आई
सरकार ने कुछ साल पहले विशेष समिति गठित की थी ताकि यह पता लगाया जा सके कि डॉक्टर सरकारी नौकरी क्यों छोड़ रहे हैं। हालांकि, समिति की रिपोर्ट अब तक सार्वजनिक नहीं हुई।
डॉक्टरों के नौकरी छोड़ने के प्रमुख कारण
करियर में सीमित अवसर
कम वेतन
कार्यस्थल पर सुविधाओं की कमी
मेडिको-लीगल मामलों में उलझना
दवाइयों की कमी और संसाधनों की अपर्याप्तता
सुरक्षा संबंधी खतरे
क्लास-I अधिकारी का दर्जा न मिलना
उच्च शिक्षा के लिए एनओसी मिलने में कठिनाई
हरियाणा सरकार डॉक्टरों की सुरक्षा और कार्यशैली को बेहतर बनाने के दावे करती रही है, लेकिन डॉक्टरों में इसको लेकर असंतोष बना हुआ है। अब देखना होगा कि सरकार डॉक्टरों की भर्ती और सुविधाओं में सुधार के लिए क्या कदम उठाती है।
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