सौ प्रतिशत शुद्ध ऑक्सीजन से होगा हर लाइलाज बीमारी का निदान
पूरे उत्तर भारत में पहली एंटी ऐजिंग एचबीओटी मशीन मोहाली में हुई स्थापित
बीपी, शूगर व इरेक्टाइल डिस्फंगक्शनल से लेकर कैंसर एवं ऑटिज्म की बीमारियों तक का इलाज भी है संभव
हरजिंदर सिंह भट्टी
मोहाली : आजकल अधिकतर लोग लाइफ स्टाइल बीमारियों से जूझ रहे हैं व बीपी एवं शूगर जैसे रोगों के लिए तो जीवन पर्यन्त तक दवाई लग जाती है और एलोपैथिक दवाओं के सेवन से तो कई साइड इफेक्ट्स भी सामने आते हैं। इन समस्याओं समाधान लेकर आए हैं डॉ प्रवेश कादियान। उन्होंने मोहाली में ग्लोबल हाइपरबारिक मेडिकल सेंटर खोल कर हाइपरबारिक ऑक्सीजन थेरेपी (एचबीओटी) की मशीन स्थापित की है जो सौ प्रतिशत शुद्ध ऑक्सीजन से लाइलाज बीमारियों को ठीक करने में सक्षम है। डॉ प्रवेश कादियान ने आज यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इलाज की प्रक्रिया के बारे में बताया कि रोगी को एचबीओटी चेम्बर में बिठाया जाता है जिसमें उसे सांस लेने के लिए 100 फीसदी शुद्ध ऑक्सीजन समुद्र तल से अधिक दाब 1 अब्सोल्यूट एट्मोस्फियर (एटीए) पर
उपलब्ध होती है। इससे शुद्ध ऑक्सीजन खून में मिलकर शरीर की हर कोशिका तक पहुंचती है जिससे क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मुरम्मत होती है व रोगी व्यक्ति स्वस्थ होने लगता है।
उन्होंने बताया कि बीपी, शूगर व इरेक्टाइल डिस्फंगक्शनल से लेकर कैंसर एवं ऑटिज्म की बीमारियों तक का इलाज भी इस थेरेपी से संभव हैं।
डॉ प्रवेश कादियान पहले पंचकूला के सेक्टर 6 स्थित सिविल हॉस्पिटल में सरकारी चिकित्सक थे व उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी छोड़ कर ये मशीन स्थापित की है। उन्होंने बताया कि इलाज शुरू करने से पूर्व रोगी के सभी टेस्ट आदि कराए जाते हैं और उनकी केस हिस्ट्री देख कर उस हिसाब से ही इलाज शुरू किया जाता है। इलाज के लिए मरीज को एक बार में लगभग एक घंटे के लिए मशीन के चैंबर में बैठना होता है। हर मरीज को उसकी बीमारी के हिसाब से 100 फीसदी शुद्ध ऑक्सीजन की डोज़ दी जाती है।
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डॉ कादियान ने बताया कि उन्होंने इसके लिए बाकायदा इंग्लैंड से हाइपरबारिक फिजिशियन का कोर्स किया व प्रशिक्षण लिया एवं डिग्री हासिल की।
उन्होंने बताया कि विदेशों में ये मशीन अत्यंत लोकप्रिय है, लेकिन वहां इलाज बेहद महंगा पड़ता है। उन्होंने यहां मध्यमवर्ग को ध्यान में रखते हुए एक डोज़ की कीमत 4 से 7 हजार रुपए तक रखी है ताकि उनकी जेब पर ज्यादा बोझ न पड़े।
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