Himachal News: रेलवे का पैसा एक ही दिन में ट्रेज़री ने मिसलेनियस हेड में दबाव बना कर ट्रांसफर करवाया गया : त्रिलोक जमवाल
बोले -प्रदेश में आर्थिक दिवालियापन, सरकार अफसरों के माध्यम से बना रही दबाव
बाबूशाही ब्यूरो, 01 मार्च 2025
बिलासपुर। भाजपा नेता एवं विधायक त्रिलोक जमवाल ने कहा कि जब से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है, पहले दिन से ही यह सरकार फाइनेंशियल मिसमैनेजमेंट कर रही है। जिसके चलते प्रदेश की वित्तीय स्थिति बहुत नाजुक हो चुकी है।
आज हिमाचल प्रदेश पूरे तरीके से कर्ज में डूब चुका है, प्रदेश पर कर्ज एक लाख करोड़ से ऊपर हो चुका है, जिसमें वर्तमान सरकार ने केवल दो वर्षों के कार्यकाल में 30 हजार करोड़ से अधिक का लोन लिया है। इस साल लोन की सारी सीमा समाप्त हो गई। तब इस सरकार ने जो भी पैसा हमारा विभिन्न मुद्दों में डिपॉजिट था उस सारे पैसे को भी अपने स्टेट ट्रेजरी में मंगवा लिया और वह भी स्टेट ट्रेजरी में मिसलेनियस हेड में मंगवा कर उसको अपनी मनमर्जी से डिस्पर्स कर रहे हैं। यह प्रदेश की फाइनेंशियल हालत को दर्शाता है।
प्रदेश सरकार का एक पत्र 14 फरवरी 2025 को निकलता है जिसके तहत सारे लैंड ऑफिसर को एक सामान्य दिशा निर्देश जाते हैं और डायरेक्टर ट्रेजरी के रास्ते ऑल लैंड एक्शन ऑफिसर को सबमिट होती है और इस काम के लिए देखिए यह सरकार कितनी तेज गति से काम कर रही। 14 तारीख को चिट्ठी जारी होती है और 14 तारीख को ही बैंकों को डायरेक्शन दे दी जाती है कि जो भी पैसा आपके पास है उसको आज ही प्रदेश ट्रेजरी में डिपॉजिट कराया जाए और उस पैसे को उसी निर्धारित तिथि को ट्रेजरी में जमा कराया जाता है। यह है कांग्रेस सरकार का सरकारी दबाव का तंत्र।
उन्होंने कब कि मैंने पहले भी कहा था कि कांग्रेस के कुछ नेताओं ने इसके ऊपर अपनी प्रतिक्रिया भी दी थी और उन्होंने कहा था कि ये स्टेट का पैसा है। यह भारतीय रेलवे का पैसा है जो लैंड एक्विजिशन कलेक्टर को आया है, क्योंकि किसी भी प्रदेश में जब रेलवे अपने प्रोजेक्ट को फाइनल आकार देता है और उसमें लैंड एक्विजिशन होना अनिवार्य है तो स्टेट गवर्नमेंट पहले सेंटर से रेलवे का पैसे मांगती है और भूमि देने वाले को वितरित करती है।
पहले केंद्र बताता है कि कितने पैसे केंद्र के खाते में दिए जाते हैं। तभी नोटिफिकेशन निकालें, यह प्रोसीजर है और उस प्रोसीजर के तहत सेंट्रल गवर्नमेंट ने हिमाचल प्रदेश सरकार को और इस भानुपल्ली रेलवे लाइन को अधीन करने के लिए 75 करोड़ रुपये डिपॉजिट किए थे।
केंद्र से इस प्रक्रिया के अंतर्गत हिमाचल के बैंकों में 900 करोड़ से अधिक की राशि भेजी थी। उस 975 करोड़ में से 500 करोड़ के आसपास लाभार्थियों को ट्रांसफर हो गया, लेकिन जो 475 करोड़ रुपये बिलासपुर के लाभार्थियों का हमारे विभिन्न बैंकों में पड़ा था उसको 14 फरवरी 2025 की नोटिफिकेशन के बाद प्रत्येक बैंक ने तुरंत प्रदेश की ट्रेजरी डिपॉजिट करवा दिया।
त्रिलोक ने कहा कि उनके पास आईसीआईसीआई बैंक की चिट्ठी है, जिसमें एक करोड़ ट्रांसफर हुआ है, यह एचडीएफसी की चिट्ठी है जो लैंड एक्शन कलेक्टर ने लिखी है और उसमें 200 करोड़ रुपये ट्रांसफर हुआ है। यह कोऑपरेटिव बैंक की चिट्ठी है , जिसके तहत एचपी स्टेट कोऑपरेटिव बैंक बिलासपुर को 31 करोड़ रुपए सरकार ने वापस किए हैं। कैनरा बैंक की भी चिट्ठी मेरे पास है, जो सरकारी दफ्तर से गई हैं। इसके अंतर्गत 475 से 500 करोड़ के करीब पैसा बिलासपुर रेलवे का ट्रेजरी में जमा कराया है। त्रिलोक जमाल ने इस पत्र को मीडिया के समक्ष पढ़कर भी सुनाया। (SBP)
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here →
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →