बीबीएमबी में करोड़ों के जिंक चोरी मामले की जांच अधूरी, अफसरों को क्लीन चिट देने पर एटक और कोर्डिनेशन कमेटी का कड़ा विरोध
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 28 फरवरी: बीबीएमबी में कर्मचारियों की लंबित मांगों और घोटालों की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर भाखड़ा ब्यास इम्प्लाइज यूनियन (एटक) और कोर्डिनेशन कमेटी का संघर्ष तेज होता जा रहा है। बोर्ड मुख्यालय के बाहर क्रमिक भूख हड़ताल 52वें दिन में प्रवेश कर गई है, लेकिन प्रबंधन अब तक कोई समाधान निकालने में असफल रहा है।
जिंक चोरी घोटाले की सीबीआई जांच की मांग
यूनियन महासचिव सुरेश कुमार सैनी ने कहा कि नंगल में करोड़ों रुपए के जिंक चोरी, गग्गुवाल में अवैध पेड़ कटाई और पंप-मोटर की फर्जी खरीद घोटाले की निष्पक्ष जांच के बजाय बोर्ड ने अफसरों को सिर्फ 10 दिनों में क्लीन चिट देकर दोबारा ड्यूटी पर बुला लिया, जो बेहद आपत्तिजनक है। उन्होंने सीबीआई जांच की मांग दोहराई और कहा कि घोटाले में शामिल अधिकारियों को तुरंत सस्पेंड किया जाना चाहिए।
संघर्ष को मिल रहा है समर्थन
एटक यूनियन के अध्यक्ष अशोक कुमार शर्मा ने कहा कि बीबीएमबी इम्पलाइज कोर्डिनेशन कमेटी में शामिल 8 जत्थेबंदियों ने इस संघर्ष को नई ऊर्जा दी है। कर्मचारियों की मांगें पूरी होने तक संघर्ष जारी रहेगा।
27 फरवरी को नंगल में सीटू कार्यालय में हुई बैठक में बड़े आंदोलन की योजना बनाई गई:
3 से 10 मार्च: सभी डिवीजनों में गेट रैली
10 मार्च: रोड मार्च रैली
11 मार्च: बीबीएमबी मुख्यालय चंडीगढ़ में प्रदर्शन
डेली वेज वर्कर्स की हड़ताल 23वें दिन में
डेली वेज वर्कर्स यूनियन, नंगल ने भी 6 फरवरी से क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर रखी है, जिसे अब 23 दिन हो चुके हैं।
मुख्य मांगें
2022-23 और 2023-24 के इंसेंटिव जारी किए जाएं।
कैशलेस मेडिकल सुविधा लागू की जाए।
1 जनवरी 2016 से नए वेतनमान का बकाया एरियर दिया जाए।
अनुबंधित कर्मचारियों को स्थायी किया जाए।
डेली वेज वर्कर्स को नियमित किया जाए।
पार्ट-टाइम कर्मचारियों के कार्य घंटे बढ़ाए जाएं।
डीसी रेट चंडीगढ़ और अन्य केंद्रों के समान लागू किया जाए।
राजस्थान व अन्य राज्यों से आए कर्मचारियों को बीबीएमबी के वेतनमान में शामिल किया जाए।
प्रधानमंत्री को पत्र लिखेगी यूनियन
यूनियन महासचिव ने कहा कि इन सभी घोटालों की निष्पक्ष जांच और कर्मचारियों की मांगों को पूरा कराने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र भेजा जाएगा। यदि 11 मार्च तक बोर्ड प्रबंधन कोई ठोस निर्णय नहीं लेता, तो आमरण अनशन शुरू कर दिया जाएगा।
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