कैथल जिलें के बडे नेताओं को पुत्र मोह!
सुरजेवाला का कैथल व जेपी का बेटा कलायत से लड़ रहे चुनाव
रमेश गोयत
कैथल/चंडीगढ़, 15 सितम्बर 2024--कैथल जिलें के कई बडेÞ नेता पुत्र मोह मेें फंसे है। चुनावों में अपने परिवार से बाहर राजनीति नही जाने दे रहे है। कैथल से राज्य सभा सांसद रणदीप सुरजेवाला अपनें बेटें अदित्य को कांग्रेस की टिकट दिलवाकर कैथल विधानसभा से चुनाव लड़ा रहें है। वही कलायत से हिसार के सांसद जयप्रकाश जेपी अपने बेटे विकास सहारण को भी कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ा रहे है। भाजपा सरकार में पूर्व मंत्री रही कमलेश ढांडा कलायत से 20019 में विधायक रही है। पार्टी ने दुबारा फिर कलायत से उतारा है। कमलेश के पति नर सिंह ढांडा भी पाई हलके से विधायक बनकर देवी लाल की सरकार में मंत्री रह चुके थे। भाजपा में पूर्व मंत्री रही कमलेश ढांडा ने भी अपने बेटे को कलायत हलके से राजनीति में उतारा हुआ है। वही इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा के दोनो बेटें में उसके पिता के लिए गांव-गांव दौरे कर वोट मांग रहे है। रामपाल माजरा इनेलों से कलायत हलके से चुनाव लड़ रहे है। कलायत हलके से रामपाल माजरा, जयप्रकाश व कमलेश ढांडा विधायक रह चुके है। जिसके कारण कलायत हलके को अपनी राजनीति की कर्म भूमि मानकर अपने परिवार का ही कब्जा बरकरार रखना चहाते है। रणदीप सुरजेवाला कलायत से अपने चेहते धर्मवीर कौलेखा व स्वेता ढूल को टिकट दिलवाना चहाते थे। सांसद कुमारी शैलजा भी अपनी पुरानी वर्कर सुनीता ढूल को कांग्रेस की टिकट दिलवाना चाहती थी। मगर सांसद जयप्रकाश जेपी, हुडडा ग्रुप में मजबूती होने के कारण कलायत से अपने बेटे विकाश सहारण को टिकट दिलवाने में कामयाब रहे। जिससे नाराज होकर सुनीता ढूल से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन किया हुआ है। रामपाल माजरा भी इनेलों छोडकर भाजपा में शामिल हुए थे। मगर 2019 में कलायत से भाजपा की टिकट नही मिलने से परेशान रहे। उसके बाद अपने इनेलों के पुराने मित्र अशोक अरोड़ा के साथ कांग्रेस ज्वाइन करनी चाही थी। मगर कलायत से सांसद जयप्रकाश जेपी, हुडडा ग्रुप नजदीक होने के कारण टिकट की गांरटी नही होने के कारण वापिस अपनी पुरानी पार्टी इनेलो में ही ज्वाइन कर कलायत से चुनाव लड़ रहे है। बताया जा रहा है कि मुख्य मुकाबला कांग्रेस, भाजपा व इनेलो में ही है। वैसे तो विनोद निर्मल को भी पंचायती उम्मीदवार के तौर मैदान में उतारा हुआ है। विनोद निर्मल पहले कुलदीप बिश्नोई की हजका पार्टी से चुनाव लड़ चुके है। कलायत 3 परिवार ही 30-40 साल से करते आ रहे हैं। एक बार जय प्रकाश का परिवार आए, एक बार कमलेश का परिवार आए और एक बार रामपाल माजरा का परिवार आए। कलायत हलका पाई व राजौंद टूटने के बाद बना था।
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