मुख्यमंत्री नायब सैनी के आठ मंत्री और विधानसभा स्पीकर चुनाव हारे
सिर्फ दो ही मंत्री अपनी सीट बचाने में रहे सफल
महिपाल ढांडा और बल्लभगढ़ सीट से कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा जीते
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 08 अक्तुबर 2024। हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सैनी सरकार के आठ मंत्री और विधानसभा के स्पीकर चुनाव हार गए। सिर्फ दो ही मंत्री अपनी सीट बचाने में सफल रहे।
जीतने वाले मंत्रियों में पानीपत ग्रामीण सीट से राज्यमंत्री महिपाल ढांडा और बल्लभगढ़ सीट से कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा शामिल हैं। बाकी मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा, जिनमें पंचकूला के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता भी हैं। उन्हें कांग्रेस के चंद्रमोहन बिश्नोई ने हरा दिया। नूंह में राज्यमंत्री संजय सिंह भी चुनाव हार गए, जहां कांग्रेस के आफताब अहमद ने जीत दर्ज की।
इसके अलावा, जगाधरी में कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर हार गए, और कांग्रेस के चौधरी अकरम खान विजयी हुए। हिसार में कैबिनेट मंत्री डॉ. कमल गुप्ता तीसरे स्थान पर रहे, जहां निर्दलीय उम्मीदवार और देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल ने जीत हासिल की।
रानियां में भाजपा से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे मंत्री रणजीत चौटाला भी चुनाव हार गए, और यहां इनेलो-बसपा गठबंधन के अर्जुन चौटाला ने जीत दर्ज की।
पंचकूला विधानसभा सीट पर कांग्रेस के चंद्रमोहन बिश्नोई ने भाजपा के ज्ञानचंद गुप्ता को 1997 वोटों से हराकर जीत दर्ज की है। चंद्रमोहन को 67,397 वोट मिले, जबकि भाजपा के ज्ञानचंद गुप्ता को 65,400 वोट मिले।
ज्ञानचंद गुप्ता हरियाणा विधानसभा के स्पीकर थे और उनकी हार भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है। चंद्रमोहन बिश्नोई हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल के बेटे और राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम भी रह चुके हैं। उनकी यह जीत कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में कई प्रमुख नेताओं को हार का सामना करना पड़ा है, जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण सीटों के नतीजे इस प्रकार हैं:
जगाधरी:
कांग्रेस उम्मीदवार चौधरी अकरम खान ने भाजपा के कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर को 6868 वोटों से हराया। अकरम खान को 67,403 वोट मिले, जबकि कंवरपाल गुर्जर को 60,535 वोट मिले। कंवरपाल गुर्जर पहले हरियाणा विधानसभा के स्पीकर रह चुके थे और बाद में उन्हें शिक्षा मंत्री और फिर कृषि मंत्री बनाया गया था।
बल्लभगढ़:
बल्लभगढ़ सीट पर कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा ने कांग्रेस की बागी उम्मीदवार शारदा राठौर को 17,730 वोटों से हराया। मूलचंद शर्मा को 61,806 वोट मिले, जबकि शारदा राठौर को 44,076 वोट प्राप्त हुए। कांग्रेस उम्मीदवार पराग शर्मा चौथे स्थान पर रहीं और उन्हें केवल 8674 वोट मिले। मूलचंद शर्मा खट्टर सरकार में परिवहन मंत्री और नायब सैनी सरकार में श्रम और उद्योग मंत्री रहे हैं।
लोहारू:
लोहारू में कांग्रेस उम्मीदवार राजबीर फरटिया ने भाजपा के कैबिनेट मंत्री जेपी दलाल को 792 वोटों के मामूली अंतर से हराया। राजबीर फरटिया को 81,336 वोट मिले, जबकि जेपी दलाल को 80,544 वोट मिले। जेपी दलाल मनोहर लाल खट्टर की सरकार में कृषि मंत्री और नायब सैनी की सरकार में वित्त मंत्री रह चुके थे।
इन चुनावी नतीजों से यह स्पष्ट है कि हरियाणा में भाजपा को कई महत्वपूर्ण सीटों पर कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में रानियां और हिसार सीट पर दिलचस्प मुकाबले देखने को मिले:
रानियां:
इनेलो-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार अर्जुन चौटाला ने 4191 वोटों से जीत दर्ज की। उन्हें 43,914 वोट मिले। कांग्रेस के सर्वमित्र कंबोज 39,723 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। कैबिनेट मंत्री रणजीत चौटाला, जो निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे थे, 36,401 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे। रणजीत चौटाला ने 2019 में निर्दलीय के रूप में जीत हासिल की थी और उन्हें तब ऊर्जा और जेल मंत्री बनाया गया था। इस बार भाजपा से टिकट नहीं मिलने के कारण उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा, लेकिन हार का सामना करना पड़ा।
हिसार:
हिसार में देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल ने 18,941 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। उन्हें 49,231 वोट मिले। कांग्रेस के रामनिवास राड़ा 30,290 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। कैबिनेट मंत्री और भाजपा उम्मीदवार कमल गुप्ता, जो नायब सैनी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे, 17,385 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे।
इन परिणामों से स्पष्ट है कि कई प्रमुख नेता और मंत्री इस चुनाव में हार गए, जबकि विपक्ष और निर्दलीय उम्मीदवारों ने प्रभावी प्रदर्शन किया।
पानीपत ग्रामीण:
भाजपा के मंत्री और राज्यमंत्री महिपाल ढांडा ने पानीपत ग्रामीण विधानसभा सीट पर 50,212 वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल की। उन्हें कुल 1,01,079 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के सचिन कुंडू को 50,867 वोट प्राप्त हुए। महिपाल ढांडा की यह लगातार तीसरी जीत है। नायब सैनी के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें पंचायत और सहकारिता मंत्री का पदभार सौंपा गया था। उनकी यह बड़ी जीत भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है।
अंबाला सिटी:
अंबाला सिटी सीट पर कांग्रेस के निर्मल सिंह मोहड़ा ने भाजपा के रा’यमंत्री असीम गोयल को 11,131 वोटों से हराकर जीत दर्ज की। निर्मल सिंह को 84,475 वोट मिले, जबकि असीम गोयल को 73,344 वोट मिले। असीम गोयल नायब सैनी की सरकार में परिवहन और महिला एवं बाल विकास मंत्री थे, लेकिन इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
थानेसर विधानसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार अशोक अरोड़ा ने 3,243 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। अशोक अरोड़ा को 70,076 वोट मिले, जबकि भाजपा के राज्यमंत्री सुभाष सुधा 66,833 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। सुभाष सुधा, नायब सैनी के मुख्यमंत्री बनने के बाद शहरी स्थानीय निकाय मंत्री बने थे, लेकिन इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
नूंह विधानसभा सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार आफताब अहमद ने 46,963 वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की। उन्हें कुल 91,833 वोट मिले, जबकि इनेलो-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार 44,870 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। भाजपा उम्मीदवार और मंत्री संजय सिंह तीसरे स्थान पर रहे, उन्हें केवल 15,902 वोट मिले।
संजय सिंह, जो नायब सैनी के मुख्यमंत्री बनने के बाद वन और खेल राज्यमंत्री बने थे, ने 2019 में सोहना सीट से जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में भाजपा ने उनकी सीट बदलकर नूंह से टिकट दिया, लेकिन वह जीत हासिल नहीं कर सके।
नांगल चौधरी---
राज्यमंत्री अभय सिंह यादव 55,059 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे
नांगल चौधरी विधानसभा सीट पर कांग्रेस की मंजू चौधरी ने 6,930 वोटों से जीत दर्ज की। उन्हें कुल 61,989 वोट मिले, जबकि भाजपा के उम्मीदवार और राज्यमंत्री अभय सिंह यादव 55,059 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। अभय सिंह यादव को नायब सिंह सैनी के मुख्यमंत्री बनने के बाद जल एवं संसाधन मंत्री नियुक्त किया गया था, लेकिन इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
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