चंडीगढ़: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बुलाई मंत्रिमंडल की बैठक, विधानसभा हो सकती है भंग
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 11 सितम्बर 2024--: चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चल रही नामांकन प्रक्रिया के बीच मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई है, जिसमें विधानसभा भंग करने का निर्णय लिया जा सकता है। संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार, विधानसभा के दो सत्रों के बीच छह महीने से ज्यादा का अंतराल नहीं होना चाहिए, इसलिए 12 सितंबर तक सदन की बैठक बुलाना आवश्यक है। यदि बैठक नहीं बुलाई जाती, तो विधानसभा भंग करने की सिफारिश राज्यपाल से करनी होगी।
मार्च में मुख्यमंत्री सैनी ने विश्वास मत हासिल किया था, और अब चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक वे कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहेंगे। हरियाणा विधानसभा का आखिरी सत्र 13 मार्च को बुलाया गया था, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विश्वास मत हासिल किया था। संवैधानिक रूप से छह महीने में एक बार विधानसभा सत्र बुलाना जरूरी है। इसलिए सरकार के लिए 12 सितंबर तक सदन की बैठक बुलाना जरूरी है। सदन की बैठक नहीं बुलाई जाती संवैधानिक संकट टालने के लिए मुख्यमंत्री को राज्यपाल से विधानसभा भंग करने की सिफारिश करनी होगी। संविधान के अनुच्छेद 174 (1) में स्पष्ट उल्लेख है कि विधानसभा के दो सत्रों के बीच छह महीने से ज्यादा का अंतराल नहीं होना चाहिए। आज तक कभी ऐसी स्थिति नहीं आई है कि छह महीने में कोई सत्र न बुलाया गया हो। हालांकि मुख्यमंत्री नायब सैनी कुछ दिन पहले मीडिया से बातचीत में यह भी कह चुके हैं कि अगर वे विधानसभा का सत्र नहीं बुलाते तो यह कोई संवैधानिक रूप से गलत नहीं है।
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