चंडीगढ़ में ग्रेनेड हमले के पुलिस को हाथ लगे अहम सुराग
चंडीगढ़ में ग्रेनेड हमले के आरोपियों की पहचान
मुख्य आरोपी रोहन मसीह निवासी अमृतसर के पाशियान का
रेड लाइट जंप करने के लिए आॅटो चालक को दिए 500 रुपए
चंडीगढ़, 13 सितम्बर 2024--चंडीगढ़ में ग्रेनेड हमले के आरोपियों की पहचान हो गई है, और पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। हमले के मुख्य आरोपी में से एक का नाम रोहन मसीह है, जो अमृतसर के पाशियान गांव का निवासी है। यह गांव वही है, जहां से आतंकी हैप्पी पाशियान भी ताल्लुक रखता है, जिसने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। रोहन मसीह का गांव में कुछ लोगों के साथ झगड़ा चल रहा था, और इसी कारण वह फतेहगढ़ साहिब के गांव पिंडी में अपने रिश्तेदारों के पास रह रहा था।
हमले के दौरान आरोपी आॅटो से सेक्टर-18 पहुंचे, जहां रेड लाइट जंप करने के लिए उन्होंने आॅटो चालक को 500 रुपए दिए थे, लेकिन चालक ने मना कर दिया। इसके बाद आरोपी सेक्टर-18 के रिहायशी इलाके की ओर भाग गए। पुलिस को यह भी पता चला है कि आरोपियों ने हमले से पहले उसी आॅटो से बंगले की रेकी की थी। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आर्म्स एक्ट और यूएपीए जैसी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
जानकारी के अनुसार, आरोपी 9 सितंबर को जालंधर से चंडीगढ़ वॉल्वो बस से आए थे और उन्होंने चंडीगढ़ में टी-शर्ट बदलते हुए अपनी पहचान छुपाने की कोशिश की थी। कई एजेंसियां इस मामले की जांच में जुटी हुई हैं, जिनमें चंडीगढ़ पुलिस, पंजाब पुलिस, दिल्ली पुलिस, और एनआईए शामिल हैं। चंडीगढ़ ग्रेनेड हमले की जांच में पुलिस को और भी महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। आरोपियों के साथ जुड़े आॅटो चालक कुलदीप ने पुलिस को बताया कि 9 सितंबर को उन्होंने उसे सेक्टर-10 ले जाने के लिए हायर किया था और केवल एक चक्कर लगाकर वापस आना था। इसी दौरान, दोनों संदिग्धों ने आईएसबीटी 43 में संजय नाम के युवक से मुलाकात की थी, जो वहां आने वाले लोगों को होटल मुहैया करवाता है। यह बातचीत करीब 1 मिनट 43 सेकंड की थी, और पुलिस ने अब संजय से भी पूछताछ की है।
11 सितंबर को, हमले वाले दिन, दोनों संदिग्ध अमृतसर से दोपहर 12:45 बजे चंडीगढ़ के लिए वॉल्वो बस से चले थे, और बस शाम 5:20 बजे आईएसबीटी -43 पहुंची। बस से उतरते ही उन्होंने कुलदीप से मुलाकात की, जिसे उन्होंने पहले सेक्टर-10 ले जाया था। कुलदीप ने उन्हें पहचाना और पूछा कि उन्हें फिर से कहां जाना है, तो आरोपियों ने कहा कि उन्हें उसी सेक्टर-10 की कोठी पर जाना है और वापस आना है।
हमले के बाद, आरोपियों ने डीएवी कॉलेज से होते हुए सेक्टर-18 के रिहायशी इलाके की ओर भागने की कोशिश की। उन्होंने कुलदीप को तेज चलने और रेड लाइट जंप करने के लिए कहा, लेकिन जब उसने ऐसा करने से मना किया, तो आरोपियों ने उसे 500 रुपये का नोट फेंका और सेक्टर-18 में उतरकर भाग गए। इसके बाद कुलदीप वापस आईएसबीटी-43 पहुंच गया, जहां वह रोज सवारी का इंतजार करता था।
इस मामले की जांच में पुलिस हर संदिग्ध कड़ी को जोड़ने की कोशिश कर रही है, और कई एजेंसियां इस मामले को सुलझाने में लगी हुई हैं।
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