पाकिस्तान की आईएसआई और अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर श्री गुरु रामदास जी के प्रकाश पर्व को अलग तारीख में मनाने के लिए सरना को श्री अकाल तख्त साहिब पर तलब किया जाए : हरमीत सिंह कालका, जगदीप सिंह काहलों
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर :
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार हरमीत सिंह कालका और जनरल सैकेट्री सरदार जगदीप सिंह काहलो ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार साहिब से अपील की है कि अकाली दल के नेता परमजीत सिंह सरना द्वारा श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों का उल्लंघन करते हुए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर श्री गुरु रामदास जी का प्रकाश पर्व अलग तारीख में मनाने के प्रयास करने के लिए उन्हें श्री अकाल तख्त साहिब पर तलब कर सजा दी जाए।
आज यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए सरदार कालका और सरदार काहलौं ने कहा कि 2002 से 2012-13 तक जब सरना दिल्ली कमेटी के प्रधान रहे, तब उन्होंने दिल्ली की संगत को गुमराह करते हुए दो-दो संगरांदा और दो-दो गुरु पर्व मनाने जारी रखे।
उन्होंने कहा कि हमने सोचा कि शायद अब वे सुधार गए हैं और श्री अकाल तख्त साहिब के प्रति समर्पित हो गए हैं। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, और अकाली दल में शामिल होने के बावजूद आज भी सरना श्री अकाल तख्त साहिब के खिलाफ बातें कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों के अनुसार श्री गुरु रामदास साहिब जी का प्रकाश पर्व 19 अक्टूबर को मनाया जाना है, लेकिन इसके विपरीत सरना ने पाकिस्तान में अपने आकाओं को खुश करने के लिए 9 अक्टूबर को पाकिस्तान समिति द्वारा गुरु पर्व मनाने का दिन तय कर लिया है।
उन्होंने बताया कि सरना ने एक जत्था भेजने की बात की और श्रद्धालुओं से वीजा के लिए एक-एक हजार रुपये अलग से लिए और 150-150 डॉलर खर्च के लिए भी वसूला। कुल 230 वीजों के लिए आवेदन किए गए थे, जो सभी रद्द हो गए।
इसके बाद सरना को मुश्किल हुई और उन्होंने आईएसआई के पास जाकर अपील की कि हम दुनिया को क्या संदेश देंगे? इस पर पाकिस्तान के दूतावास ने 53 श्रद्धालुओं के वीजे मंजूर कर दिए हैं।
उन्होंने कहा कि हमने जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब को पत्र भी लिखा है और मीडिया के माध्यम से भी अपील की है कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, जो श्री अकाल तख्त साहिब के खिलाफ चल रहे हैं। सरना को श्री अकाल तख्त साहिब पर तलब कर यह पूछना चाहिए कि वे अकाली दल के लेटरहेड पर ऐसी चिट्ठियां क्यों लिख रहे हैं और संगत में द्वंद्व क्यों पैदा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब का आदेश सर्वाेच्च है और दुनिया में जहां भी सिख बैठे हैं, उन्हें उस आदेश का पालन करना अनिवार्य है। यदि कोई श्री अकाल तख्त साहिब के फरमान का उल्लंघन करता है, तो वह पंथ विरोधी है।
मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए सरदार कालका ने पूछा कि क्या केंद्रीय मंत्री जे. पी. नड्डा से मिलना गुनाह है? क्या श्री अकाल तख्त साहिब ने उन्हें मिलने पर कोई पाबंदी लगाई है?
उन्होंने कहा कि जिन पर गोलक चोरी और श्री अकाल तख्त साहिब को ढहाने वाले लोगों के साथ मिलकर काम करने का आरोप हमेशा से है, वही सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि असलियत यह है कि जे. पी. नड्डा के साथ बैठक के लिए दिल्ली के प्रमुख सिखों को बुलाया गया था, लेकिन इन लोगों को नहीं बुलाया गया, इसलिए उन्हें परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि यह भाजपा की मीटिंग नहीं, बल्कि दिल्ली के प्रमुख सिखों की मीटिंग थी।
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