स्वास्थ्य केंद्र या बीमार केंद्र? हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने फरीदाबाद के UPHC मुजेसर की बदहाली पर लिया स्वतः संज्ञान
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 29 अप्रैल 2025। हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने फरीदाबाद के मुजेसर स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (UPHC) की बदहाल स्थिति पर स्वतः संज्ञान लेते हुए एक महत्वपूर्ण कार्यवाही शुरू की है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि स्वास्थ्य केंद्र के बाहर गंदा और दुर्गंधयुक्त पानी जमा है, खुली नालियों का पानी बह रहा है, और वाहनों की अव्यवस्थित पार्किंग के कारण आमजन—विशेषकर गर्भवती महिलाएं और वृद्ध—केंद्र तक पहुंचने में असमर्थ हैं। दवाओं की नियमित कमी, मामूली बीमारियों के लिए भी जिला अस्पताल रेफरल, और मूलभूत स्वच्छता का अभाव, स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीर विफलता को उजागर करते हैं।
हरियाणा मानवाधिकार आयोग के चेयरपर्सन जस्टिस ललित बत्रा, दोनों सदस्यों कुलदीप जैन और दीप भाटिया को मिलाकर बने पूर्ण आयोग ने इस स्थिति को केवल प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन माना है। नागरिकों के स्वास्थ्य, गरिमा और समानता के अधिकार (अनुच्छेद 21 और 14) का सीधा हनन इस स्थिति में हो रहा है।
आयोग द्वारा दिए गए निर्देश:
1. मुख्य चिकित्सा अधिकारी/सिविल सर्जन, फरीदाबाद – केंद्र की वर्तमान स्थिति और उठाए गए सुधारात्मक कदमों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
2. नगर निगम, फरीदाबाद – तात्कालिक रूप से सफाई, जल निकासी और सड़क पहुंच की व्यवस्था करें तथा अनुपालन रिपोर्ट जमा करें।
3. दोनों विभागों के अधिकृत प्रतिनिधि – आगामी सुनवाई में 23 जुलाई 2025 को आयोग के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
हरियाणा मानव अधिकार आयोग के प्रोटोकॉल, सूचना व जनसम्पर्क अधिकारी डॉ. पुनीत अरोड़ा ने बताया कि आयोग इस आदेश की प्रति सभी संबद्ध उच्चाधिकारियों को भेजी गई है, जिनमें शहरी स्थानीय निकाय विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, और स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशक सम्मिलित हैं। आयोग ने अपने आदेश में यह स्पष्ट किया है कि स्वास्थ्य सेवाओं की ऐसी दुर्दशा न केवल संवैधानिक अधिकारों का हनन है, बल्कि यह गरीब और जरूरतमंद नागरिकों के साथ अन्याय है।
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