गुरु नानक देव विश्वविद्यालय वर्ष 2025 का स्वागत एक नए मिशन, नई आकांक्षाओं और नए उत्साह के साथ करेगा।
वर्ष 2025 - गुरु नानक देव विश्वविद्यालय का मिशन: 'सभी के लिए शिक्षा'
जीवन का नियम है कि इसका प्रवाह दिन-प्रतिदिन और वर्ष-दर-वर्ष जारी रहता है तथा समय आगे बढ़ते हुए नए आयाम स्थापित करता रहता है। वर्ष 2024 भी अनेक यादें लेकर हमें अलविदा कह रहा है, और वर्ष 2025 भी नई उम्मीदें, नई जीवनधारा लेकर हमारा स्वागत कर रहा है। इस धारा में, उच्च शिक्षा का एक प्रकाश स्तंभ, गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, विद्यार्थियों को उनके इच्छित लक्ष्य प्राप्त करने, उनकी उपलब्धियों की श्रृंखला जारी रखने तथा उत्कृष्टता का समाज बनाने में सहायता करने के लिए सक्रिय है। गुरु नानक देव विश्वविद्यालय ने वर्ष 2024 में शैक्षणिक, अनुसंधान, खेल, कला और संस्कृति से संबंधित कई उपलब्धियां हासिल करते हुए विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। विश्वविद्यालय के नवनियुक्त उप-कुलपति प्रो. गुरु नानक देव विश्वविद्यालय नए वर्ष 2025 का स्वागत करमजीत सिंह की विश्वविद्यालय को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने की प्रतिबद्धता और अन्य नए उद्देश्यों को पूरा करने के लक्ष्यों के साथ करेगा।
उप-कुलपति प्रो. करमजीत सिंह के कुशल नेतृत्व में विश्वविद्यालय अपने नए उद्देश्यों में श्री गुरु नानक देव जी के मिशन ‘सरबत दा भला’ से प्रेरणा लेते हुए, सभी के लिए शिक्षा सुलभ कराना अपना पहला लक्ष्य बनाएगा। यह दृष्टिकोण आज की दुनिया में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जहां वित्तीय बाधाएं, भौगोलिक दूरी और सामाजिक असमानताएं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच में बाधा डालती हैं। पिछड़े नागरिकों या जो किसी कारणवश अपनी उच्च शिक्षा पूरी नहीं कर सके या जो छात्र संसाधनों की कमी के कारण शिक्षा प्राप्त नहीं कर सके, उन्हें विश्वविद्यालय की ओपन लर्निंग और ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली में शिक्षा के अवसर प्रदान करने के लिए इसमें तेजी लाई जाएगी।
नवाचार और अंतर्विभागीय सहयोग से नवाचार को प्रोत्साहन मिलेगा और न केवल विश्वविद्यालय के विभागों के भीतर बल्कि बाहरी संगठनों के साथ भी सहयोग बढ़ेगा। साथ ही, सामाजिक चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने के लिए अंतःविषयक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर भी जोर दिया जाएगा। विश्वविद्यालय समाज की आवश्यकताओं के अनुरूप नए पाठ्यक्रम शुरू करने को प्राथमिकता देगा, जिससे विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा तथा उद्योग एवं समाज की उन्नति के साथ-साथ विद्यार्थियों की रोजगार दर में भी वृद्धि होगी।
पंजाबी भाषा के विकास, प्रचार-प्रसार को भी इस वर्ष के मुख्य एजेंडे में शामिल किया गया है। विश्वविद्यालय ऑनलाइन शिक्षण कार्यक्रम शुरू करके पंजाबी प्रवासियों को समर्थन देने के लिए समर्पित है। इन पहलों का उद्देश्य पंजाबी भाषा और संस्कृति को संरक्षित और बढ़ावा देना तथा उन्हें विश्व भर में सुलभ बनाना है। विश्वविद्यालय के प्रयासों में विदेशों में रहने वाले पंजाबियों और सीखने में रुचि रखने वाले लोगों के लिए गुरुमुखी लिपि आधारित डिजिटल प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना शामिल होगा।
यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का युग है। गुरु नानक देव विश्वविद्यालय का प्रयास होगा कि वह कृत्रिम बुद्धिमत्ता के इस युग के साथ तालमेल बनाए रखे तथा विद्यार्थियों को रोजगारपरक एवं उद्यमशील कौशल से लैस करे। इस उद्देश्य के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता और कौशल आधारित पाठ्यक्रम शुरू करने को प्राथमिकता दी जाएगी। नामांकन बढ़ाने के उद्देश्य से, उद्योग की जरूरतों, उद्यमशीलता नवाचारों और समय की मांग को पूरा करने के लिए विश्वविद्यालय और घटक कॉलेजों में अन्य नए कौशल-आधारित पाठ्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे।
अनुसंधान एवं नवाचार गुरु नानक देव विश्वविद्यालय समकालीन सामाजिक चुनौतियों का समाधान करने के लिए सामाजिक विज्ञान में अनुसंधान को बढ़ाने के प्रयासों की भी योजना बना रहा है, जिसमें वैज्ञानिक अनुसंधान को केंद्र में रखा जाएगा, जो इसकी यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। अपनी सांस्कृतिक जड़ों को पहचानते हुए, विश्वविद्यालय ने पंजाबी भाषा के विकास और प्रसार को भी अपनी प्राथमिकता सूची में रखा है, जिसका उद्देश्य वैश्विक परिप्रेक्ष्य को बढ़ावा देते हुए क्षेत्रीय विरासत को संरक्षित और मनाना है।
वर्तमान में 'कुल नामांकन अनुपात' 29.1 प्रतिशत है तथा वर्ष 2025 से विश्वविद्यालय भारत सरकार के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए इस 'कुल नामांकन अनुपात' के लक्ष्य को 50 प्रतिशत तक पहुंचाने का प्रयास करेगा। दूरदराज के क्षेत्रों में छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ शोषित और पिछड़े वर्गों, विकलांग व्यक्तियों और जेलों में कैदियों को उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करने के लिए दिया गया है।
सामाजिक समस्याओं को सुलझाने और समग्र सामुदायिक विकास में योगदान देने की विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण है, और विश्वविद्यालय का शिक्षण स्टाफ किसी भी शैक्षणिक संस्थान का मूल है, जो देश, उसके छात्रों और हमारे समाज के भविष्य को आकार देता है। उप-कुलपति प्रो. करमजीत सिंह के बुद्धिमान नेतृत्व में, विश्वविद्यालय शिक्षकों को और अधिक सशक्त बनाने के लिए विशेष प्रयास करने का लक्ष्य रखेगा।
वर्ष 2025 का स्वागत करते हुए कुलपति प्रो. करमजीत सिंह ने गुरु नानक देव विश्वविद्यालय को वैश्विक मंच पर विशेष ऊंचाई पर ले जाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि यह विश्वविद्यालय यह सुनिश्चित करेगा कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी पहले से कहीं अधिक ज्ञानवान, रोजगार योग्य, उद्यमशीलता कौशल और सामाजिक मूल्यों से लैस हों विश्व एवं समाज की उन्नति में योगदान देकर विश्वविद्यालय की पहचान को और बढ़ाना।
उन्होंने इन उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए संकाय, कर्मचारियों और छात्रों के सामूहिक प्रयासों से समर्थन और समर्पण की भी अपील की।nउप-कुलपति प्रो. करमजीत सिंह अपनी कार्यशैली और उद्देश्यों के मूल सिद्धांतों 'किरत करो नाम जपो ते वंड छको' और 'सरबत दे भले' को लेकर, जो कि श्री गुरु नानक देव जी द्वारा बताए गए थे, गुरु नानक देव विश्वविद्यालय को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए काम कर रहे हैं और जीवन में समाज के लिए योगदान देना है। हम सभी को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए, वर्ष 2025 के लिए एक बेहतर व्यवस्था स्थापित करने का वादा करते हैं। (DPR)
kk
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