आउटसोर्स वर्करों की सैलरी न मिलने पर भूख हड़ताल जारी, 29 मार्च को घेराव की तैयारी
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 11 मार्च 2025: आउटसोर्स वर्करों को तीन महीने से वेतन न मिलने के विरोध में कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ गवर्नमेंट एंड एमसी इम्प्लॉइज एंड वर्कर्स, यूटी चंडीगढ़ के बैनर तले कर्मचारियों ने भूख हड़ताल जारी रखी है। सोमवार को मेंटीनेंस बूथ, सेक्टर-16 में प्रदर्शन का दूसरा दिन था, जहां विभिन्न संगठनों के नेता और कर्मचारी भूख हड़ताल पर बैठे।
कौन-कौन भूख हड़ताल पर बैठे?
भूख हड़ताल के दूसरे दिन जसविंदर सिंह (पब्लिक हेल्थ), कृपण (यूटी बिल्डिंग मेंटीनेंस वर्कर्स यूनियन), वरिंदर बिष्ट (चेयरमैन, इलेक्ट्रिकल वर्कमैन यूनियन), राजू बाल्मीकि (प्रधान, यूटी रोड वर्कर्स यूनियन) और राजेश कुमार सिंह (पब्लिक हेल्थ) ने हड़ताल में भाग लिया।
प्रशासन पर गंभीर आरोप
कोऑर्डिनेशन कमेटी के पदाधिकारियों सतिंदर सिंह (प्रधान), राकेश कुमार (महासचिव), सुखबीर सिंह (सीनियर वाइस प्रेसिडेंट), राजिंदर कुमार और किशोरी लाल (कैशियर) ने प्रशासन की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि इंजीनियरिंग विभाग, नगर निगम और सीटीयू में कार्यरत आउटसोर्स वर्करों को वेतन नहीं मिल रहा, जो श्रम कानूनों का उल्लंघन है।
उन्होंने आरोप लगाया कि 27 फरवरी को जब कर्मचारी वेतन की मांग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, तब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर अमानवीय व्यवहार किया और शाम तक भूखा-प्यासा रखा। 11 कर्मचारियों के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया, जिसे वापस लेने की मांग की गई है।
क्या हैं कर्मचारियों की मांगें?
- तीन महीने की लंबित सैलरी का तुरंत भुगतान।
- श्रम कानूनों को लागू कर वेतन भुगतान की समयबद्ध व्यवस्था।
- 27 फरवरी को गिरफ्तार किए गए कर्मचारियों पर दर्ज केस वापस लिया जाए।
- प्रशासन व कर्मचारियों के बीच वार्ता कर मांगों का समाधान निकाला जाए।
आंदोलन की आगे की रणनीति
- 10 मार्च से 28 मार्च तक भूख हड़ताल जारी रहेगी।
- 29 मार्च को कर्मचारियों की एक कन्वेंशन आयोजित की जाएगी।
- 8 अप्रैल को चंडीगढ़ सचिवालय का घेराव किया जाएगा।
राकेश कुमार, महासचिव ने कहा कि अगर प्रशासन जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाता, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
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