सदन में रोजगार गारंटी कानून पर चर्चा कर हरियाणा के युवाओं के हित में बड़ा फैसला लें विधायक - दिग्विजय चौटाला
सरकार बताए, एचकेआरएन से अब तक कितने अनुबंधित कर्मचारी जुड़े और कितनों को सैलरी मिलने लगी ? – दिग्विजय*
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 11 मार्च।* जननायक जनता पार्टी के प्रधान महासचिव दिग्विजय सिंह चौटाला ने युवाओं के लिए रोजगार की गारंटी का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के विधायकों को विधानसभा बजट सत्र के दौरान सदन में पिछली सरकार द्वारा पारित रोजगार गारंटी कानून पर गंभीरता से चर्चा करनी चाहिए ताकि युवाओं के हित में बड़ा फैसला लिया जा सके। दिग्विजय ने कहा कि आज प्रदेश का युवा बेरोजगारी के चलते लाखों रुपए लगाकर विदेश जाने को मजबूर है और हाल ही में अमेरिका से डिपोर्ट हुए हरियाणवी युवाओं ने अपना यह दर्द बयां किया है। साथ ही उन्होंने हरियाणा रोजगार कौशल निगम के माध्यम से मिलने वाले रोजगार पर भी सरकार से जवाब मांगा है। दिग्विजय ने सरकार से पूछा कि एचकेआरएन के माध्यम से अब तक कितने अनुबंधित कर्मचारी जुड़ पाए है और कितने कर्मचारियों को सैलरी मिलनी शुरू हो गई है ? उन्होंने कहा कि सभी अनुबंधित कर्मचारियों को कौशल रोजगार निगम से जोड़ने की घोषणा को 7 महीने हो गए हैं लेकिन यह काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है।
जेजेपी प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला ने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी की खाई भरने के लिए सरकार के साथ-साथ सभी विधायकों को अपनी अहम भूमिका निभाने होगी। उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर युवाओं को सुरक्षित रोजगार मुहैया करवाने की दिशा में काम करना होगा। दिग्विजय ने कहा कि बजट सत्र में सभी विधायक रोजगार गारंटी बिल पर चर्चा करके युवाओं के सुरक्षित भविष्य के बारे में सोचे। उन्होंने कहा कि अगर हरियाणा में युवाओं को रोजगार की गारंटी होगी तो उन्हें नौकरी के लिए विदेश जाने को मजबूर नहीं होना पड़ेगा।
दिग्विजय चौटाला ने रोजगार से जुड़े एक और गंभीर विषय पर भी सरकार का ध्यान खींचते हुए कहा कि अनुबंधित कर्मचारियों को हरियाणा कौशल रोजगार निगम के अधीन करने का कार्य अधूरा क्यूं है? उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि कितने कर्मचारियों को एचकेआरएन के माध्यम से सैलरी मिलने लगी है और किन विभागों के कितने कर्मचारी एचकेआरएन से जोड़े जाने बाकी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने ठेका प्रथा समाप्त करने के लिए कर्मचारियों को एचकेआरएन में शामिल करने की घोषणा की थी लेकिन फिर भी विभिन्न विभागों में अनुबंधित कर्मचारी निरंतर हड़ताल कर रहे है। दिग्विजय ने कहा कि यहां तक कि कर्मचारी बार-बार एचकेआरएन में शामिल करने का आग्रह सरकार से कर रहे है लेकिन इसके बावजूद कर्मचारियों को मजबूरन ठेकेदारी प्रथा के तहत आज भी काम करना पड़ रहा है, ऐसे में सरकार को स्पष्ट करना चाहिए।
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