रॉक गार्डन को बचाने के लिए नेक चंद सैनी की पोती प्रियंका सैनी ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 10 मार्च 2025: चंडीगढ़ के विश्वप्रसिद्ध रॉक गार्डन के संरक्षण को लेकर पद्मश्री पुरस्कार विजेता नेक चंद सैनी की पोती प्रियंका सैनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक भावनात्मक पत्र लिखा है। उन्होंने रॉक गार्डन पर हो रहे विनाश, उपेक्षा और अपरिवर्तनीय क्षति को रोकने के लिए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
रॉक गार्डन पर मंडरा रहा खतरा
प्रियंका सैनी के अनुसार,
रॉक गार्डन की एक दीवार, जिसे स्वयं नेक चंद जी ने बनाया था, रात के अंधेरे में गिरा दी गई।
संरक्षण के लिए संग्रहित सामग्री को अपशिष्ट मानकर फेंक दिया गया।
दशकों पुराने पेड़ विस्तार के नाम पर काटे जा रहे हैं।
रॉक गार्डन सोसायटी में नेक चंद जी के परिवार और विशेषज्ञों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।
रॉक गार्डन का महत्व
57 वर्षों तक नेक चंद जी ने इसे अपने परिश्रम और रचनात्मकता से संवारा।
यह ताजमहल के बाद भारत का दूसरा सबसे अधिक दौरा किया जाने वाला स्थल है।
हर साल 1.5 मिलियन से अधिक पर्यटक आते हैं, जिससे 2-3 करोड़ रुपये की आय होती है।
1958 में ही नेक चंद जी ने स्थिरता और पुनर्चक्रण को बढ़ावा दिया, जो आज वैश्विक आंदोलन बन चुका है।
प्रधानमंत्री से की गई मांगें
रॉक गार्डन में तोड़फोड़ तुरंत रोकी जाए और उसकी मूर्तियों व संरचनाओं को नुकसान न पहुंचाया जाए।
नुकसान हुई मूर्तियों और बुनियादी ढांचे का मूल दृष्टिकोण के अनुसार संरक्षण किया जाए।
रॉक गार्डन सोसायटी का पुनर्गठन किया जाए, जिसमें नेक चंद जी के परिवार और विशेषज्ञों को शामिल किया जाए।
रॉक गार्डन के भीतर पेड़ों की कटाई तुरंत रोकी जाए।
"हम चुप नहीं बैठेंगे" – प्रियंका सैनी
प्रियंका सैनी ने पत्र में याद दिलाया कि 2016 में प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के साथ रॉक गार्डन का दौरा किया था। उन्होंने लिखा, "जिस गेट से आप उस दिन दाखिल हुए थे, वह अब नहीं है। उसे पार्किंग बनाने के लिए तोड़ दिया गया है।"
उन्होंने आगे लिखा, "अगर नेक चंद जी आज जीवित होते, तो वे अपने जीवन के कार्य की रक्षा के लिए लड़ते और हम भी ऐसा ही करेंगे।"
चंडीगढ़ की जनता और विरासत प्रेमियों की अपील
प्रियंका सैनी ने चंडीगढ़ के नागरिकों, इतिहास प्रेमियों और कला प्रेमियों से भी रॉक गार्डन को बचाने के लिए एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा, "हमने 1989 में रॉक गार्डन के समर्थन में खड़े होकर इसे बचाया था, और आज भी इसे बचाने के लिए लड़ेंगे।"
अब देखना यह होगा कि प्रधानमंत्री मोदी इस अपील पर क्या कार्रवाई करते हैं और क्या रॉक गार्डन को बचाने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाते हैं।
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