चंडीगढ़ में घोड़ों की देखभाल के लिए फर्रियरी प्रशिक्षण सत्र आयोजित
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़,29 मार्च।: घोड़ों की सेहत और उनकी देखभाल को बेहतर बनाने के उद्देश्य से चंडीगढ़ के खुड्डा अली शेर स्थित ‘द स्टेबल्स’ में एक विशेष फर्रियरी (घोड़ों के खुरों की देखभाल और नाल लगाने की कला) प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया। इस सत्र का संचालन फ्लाइंग ऐनविल फर्रियर इंस्टीट्यूट, दुंडलोद, राजस्थान के संचालक और अनुभवी फर्रियर हरप्रीत सिंह ने किया।
फर्रियरी की सही तकनीकों पर जोर
इस सत्र में पीडूज़ पीपल नामक पशु कल्याण एनजीओ के स्वयंसेवकों सहित कई प्रतिभागियों ने भाग लिया। हरप्रीत सिंह ने घोड़ों के खुरों को काटने, सही औजारों के उपयोग और सुरक्षित फर्रियरी प्रक्रिया का व्यावहारिक प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि गलत तरीके से नाल लगाने से घोड़ों को गंभीर चोटें लग सकती हैं और उनकी चलने व दौड़ने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।
स्थानीय फर्रियरों के लिए प्रशिक्षण और उपकरणों की कमी एक बड़ी चुनौती
हरप्रीत सिंह ने चिंता जताई कि चंडीगढ़ के स्थानीय फर्रियरों के पास उचित औजार और प्रशिक्षण की कमी है, जिससे घोड़ों को गलत फर्रियरी तकनीकों का सामना करना पड़ता है। भार ढोने वाले घोड़ों को अक्सर गलत तरीके से नाल लगाने या खुर की खराब देखभाल के कारण गंभीर चोटें लगती हैं।
पीडूज़ पीपल एनजीओ का प्रयास
पीडूज़ पीपल इस समस्या को दूर करने के लिए विशेषज्ञ प्रशिक्षण और सही उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रहा है, ताकि शहर के घोड़ों को बेहतर फर्रियरी सेवाएं मिल सकें और वे दर्द रहित जीवन जी सकें।
चंडीगढ़ में घोड़ों की देखभाल को मिलेगा बढ़ावा
यह प्रशिक्षण सत्र चंडीगढ़ में व्यावसायिक और मानवीय फर्रियरी पद्धतियों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल घोड़ों की सेहत में सुधार होगा बल्कि उनके जीवन की गुणवत्ता भी बढ़ेगी।
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