चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के ग्लोबल पार्टनरशिप कॉन्क्लेव 2025 में शामिल हुई दुनिया भर के 13 देशों की टॉप 19 यूनिवर्सिटी
बांग्लादेश के कार्यवाहक उच्चायुक्त मो. नूरल इस्लाम ने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी को बांग्लादेश के सरकारी संस्थानों के साथ उनके शैक्षिक विकास के लिए साझेदारी करने का दिया निमंत्रण
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने 'ग्लोबल पार्टनरशिप कॉन्क्लेव 2025' का किया आयोजन, 13 देशों की 19 यूनिवर्सिटीज के एकेडेमिक लीडर्स ने ज्ञान साझा करने और नवाचार में सहयोग के लिए मिलाया हाथ
हरजिंदर सिंह भट्टी
मोहाली, 29 मार्चः चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने दुनिया भर की यूनिवर्सिटीज के साथ नए सहयोगी अवसरों की खोज के लिए 'ग्लोबल पार्टनरशिप कॉन्क्लेव 2025' आयोजित किया। इस सम्मेलन में इंटरनेशनल स्टूडेंट मोबिलिटी, फैकल्टी एक्सचेंज और कोलैबोरेटिव रिसर्च प्रयासों के माध्यम से ज्ञान-साझाकरण और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए दुनिया के 13 देशों की 19 यूनिवर्सिटीज के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
"संबंधों को मजबूत करने और वैश्विक सहयोग के अवसर तलाशने" के विषय पर चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के पंजाब और लखनऊ कैंपस की संयुक्त पहल 'ग्लोबल पार्टनरशिप कॉन्क्लेव 2025' में बांग्लादेश उच्चायोग के कार्यवाहक उच्चायुक्त, मोहम्मद नूरल इस्लाम ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस अवसर पर चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ मैनेजिंग डायरेक्टर दीप इंदर सिंह संधू और चांसलर सलाहकार प्रोफेसर डॉ. आरएस बावा भी उपस्थित थे।
वहीं इस कार्यक्रम में एसोसिएट प्रोफेसर जैकलीन ऐनी नॉर्टन- कला, डिजाइन और मीडिया के ट्रांसनेशनल एजुकेशन, पार्टनरशिप्स एंड फैकल्टी ऑफ मोबिलिटी के लिए अकादमिक प्रमुख बर्मिंघम सिटी यूनिवर्सिटी, यूनाइटेड किंगडम, वामशी कृष्णा जंगा- सहायक निदेशक-शैक्षणिक भागीदारी, नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी, यूएसए, जेनिफर इवानुक, वरिष्ठ निदेशक, अंतर्राष्ट्रीय पहल, जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी, यूएसए, प्रो. (डॉ.) ह्यू बिग्सबी- डीन, कृषि व्यवसाय और वाणिज्य संकाय, लिंकन यूनिवर्सिटी, न्यूजीलैंड, डॉ. क्रिस बोट्रिल- एसोसिएट उपाध्यक्ष, अंतर्राष्ट्रीय, कैपिलानो यूनिवर्सिटी, कनाडा और डेविड इज़राइल- कार्यकारी निदेशक, वैश्विक शिक्षा रणनीति, मेलबर्न विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया आदि मुख्य अतिथि के रूप में सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में उपस्थित हुए।
'ग्लोबल पार्टनरशिप कॉन्क्लेव 2025' में कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, न्यूजीलैंड, जॉर्जिया, यूनाइटेड किंगडम, डेनमार्क, दक्षिण अफ्रीका, नेपाल, मैक्सिको, श्रीलंका, थाईलैंड और घाना सहित 13 देशों के 19 यूनिवर्सिटी के एकेडेमिक लीडर्स ने भाग लिया। इन यूनिवर्सिटी में वाललैक यूनिवर्सिटी, कैपिलानो यूनिवर्सिटी, मेलबर्न यूनिवर्सिटी, जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी, लिंकन यूनिवर्सिटी, इंटरनेशनल ब्लैक सी यूनिवर्सिटी, नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी, बर्मिंघम सिटी यूनिवर्सिटी, कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी, केप प्रायद्वीप यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, सियाम यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिडाड ऑटोनोमा डी चिहुआहुआ (यूएसीएच), होराइजन कैंपस, कुमासी टेक्निकल यूनिवर्सिटी, विंडसर यूनिवर्सिटी, ओटागो यूनिवर्सिटी, वाल यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, मैक्सिको में मॉन्टेरी यूनिवर्सिटी और द पेनसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी आदि शामिल हैं।
अपने संबोधन में मुख्य अतिथि बांग्लादेश उच्चायोग के कार्यवाहक उच्चायुक्त मोहम्मद नूरल इस्लाम ने कहा, "चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी भारत के अग्रणी प्राइवेट यूनिवर्सिटी में से एक है और बांग्लादेशी छात्रों के लिए एक लोकप्रिय स्थान भी बन गया है। वर्तमान में बांग्लादेश के 412 छात्र चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। हमें विश्वास है कि यूनिवर्सिटी भविष्य की चुनौतियों का सामना करना जारी रखेगी और दुनिया भर के संस्थानों के साथ अपनी वैश्विक साझेदारी को मजबूत करेगा। बांग्लादेशी संस्थानों के साथ सहयोग के मामले में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने मजबूत और गतिशील संबंध स्थापित किए हैं।"
मो. नूरल इस्लाम ने आगे बताया की "बांग्लादेश में कई प्रतिष्ठित संस्थान हैं जिनके साथ हम गहन सहयोग को बढ़ावा दे सकते हैं। जबकि हमारे सार्वजनिक विश्वविद्यालय शिक्षा में उत्कृष्ट हैं, उनकी वैश्विक पहुंच सीमित है। हम चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी को भविष्य की साझेदारी के लिए बांग्लादेश के सार्वजनिक विश्वविद्यालयों के साथ जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। बांग्लादेश के प्रतिनिधि के रूप में मैं आपको शैक्षिक सहयोग को सुविधाजनक बनाने में पूर्ण समर्थन का आश्वासन देता हूं। मुझे उम्मीद है कि यह वर्ष वैश्विक शैक्षणिक साझेदारी को बढ़ावा देने में एक सफल मील का पत्थर साबित होगा।"
उन्होंने कहा की, "बांग्लादेश में हमारे पास कुछ अच्छे इंजीनियरिंग संस्थान हैं, जिनके साथ हम आगे सहयोग कर सकते हैं, साथ ही बांग्लादेश में सार्वजनिक विश्वविद्यालय शिक्षा के मामले में बहुत अच्छे हैं, लेकिन अन्य संस्थानों के साथ उनका वैश्विक सहयोग उतना अच्छा नहीं है। इसलिए हम चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से अनुरोध करते हैं कि वह बांग्लादेश में सार्वजनिक विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर आगे सहयोग करे और बांग्लादेश के प्रतिनिधि के रूप में हम व्यवहार में शैक्षिक पहुँच को बढ़ावा देने के लिए सहयोग के सभी स्रोतों का विस्तार करने में बहुत खुश होंगे। मैं वैश्विक भागीदारी सम्मेलन की सफलता की कामना करता हूँ।"
इस अवसर पर चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ प्रबंध निदेशक दीप इंदर सिंह संधू ने कहा की "छात्रों को अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक अनुभव प्रदान करना चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में पोषित शैक्षणिक लोकाचार का एक प्रमुख आधार रहा है। छह कॉन्टीनेंट्स के 100 से अधिक देशों में शीर्ष वैश्विक यूनिवर्सिटी और प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों के साथ 515 से अधिक अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक सहयोगों के साथ चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी को अंतरराष्ट्रीय जुड़ाव के इस पैमाने को हासिल करने वाली पहली भारतीय यूनिवर्सिटी बनने का गौरव प्राप्त है।"
उन्होंने कहा की, "नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी अग्रणी वैश्विक शैक्षणिक संस्थानों के साथ अंतर्राष्ट्रीयकरण और विदेशी सहयोग पर जोर दे रहा है। जैसा कि एनईपी में उल्लिखित है, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी अकादमिक गतिशीलता, प्रतिष्ठित विदेशी यूनिवर्सिटी के साथ अनुसंधान गठबंधन और संयुक्त डिग्री कार्यक्रमों की पेशकश पर जोर दे रहा है। सीयू ने अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार अपने पाठ्यक्रम को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए अथक प्रयास किया है और वैश्विक रैंकिंग में हमारा शानदार प्रदर्शन, जिसने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी को दुनिया के शीर्ष 231 यूनिवर्सिटी में स्थान दिया है, इसका सच्चा प्रमाण है। इन सभी कारकों के परिणामस्वरूप न सिर्फ सीयू के छात्रों के लिए प्रतिष्ठित वैश्विक शैक्षणिक संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने के अवसरों के द्वार खुले हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय नौकरी के अवसर भी प्रदान किए हैं और सीयू के छात्रों को जिम्मेदार वैश्विक नागरिक बनाया है।"
अपने संबोधन में ऑस्ट्रेलिया की मेलबर्न यूनिवर्सिटी में वैश्विक शिक्षा रणनीति के कार्यकारी निदेशक डेविड इज़राइल ने कहा की, "मैं वैश्विक शिक्षा द्वारा प्रस्तुत अवसरों के महत्व पर जोर देना चाहता हूँ। दुनिया भर में हज़ारों यूनिवर्सिटी और कॉलेज हैं, इसलिए जब आपको कोई वैश्विक शिक्षा का अवसर मिले, तो मैं आपसे आग्रह करता हूँ कि शिक्षा के परिवर्तनकारी मूल्य के कारण अवसर को अवश्य लपक लें आप दुनिया को देखेंगे इसे अपनी शिक्षा का हिस्सा बनाएँगे और वैश्विक नागरिक बनेंगे क्योंकि जैसे-जैसे हम यात्रा करते हैं और विभिन्न संस्कृतियों को समझते हैं हम उनके और करीब आते हैं। वैश्विक शिक्षा छात्रों को एक-दूसरे को जानने, एक-दूसरे के साथ काम करने और दुनिया की समस्याओं को हल करने में मदद करती है। वैश्विक शिक्षा वह उपहार है जिसे आप खुद को दे सकते हैं और वैश्विक शिक्षा के वैश्विक और परिवर्तनकारी अनुभव प्राप्त करने के अवसरों का लाभ उठा सकते हैं,"
अपने संबोधन में, डॉ. क्रिस बोट्रिल, एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट, इंटरनेशनल, कैपिलानो यूनिवर्सिटी, कनाडा ने विदेशी संस्थान चुनने की चुनौतियों को स्वीकार किया और छात्रों को महत्व देने और उनका सम्मान करने वाले संस्थान को खोजने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने आश्वस्त किया कि निगेटिव प्रेस रिपोर्टस के बावजूद कनाडाई समुदायों, यूनिवर्सिटी और शहरों में अंतरराष्ट्रीय छात्रों का गर्मजोशी से स्वागत किया जाता है।
अपने स्वागत भाषण में, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी चांसलर के सलाहकार प्रो. (डॉ.) आर.एस. बावा ने कहा की, "ग्लोबल पार्टनरशिप कॉन्क्लेव 2025 का उद्देश्य हमारे सम्मानित भागीदारों की विशेषज्ञता का लाभ उठाना है, जिससे इस यूनिवर्सिटी को भविष्य में और अधिक सफलता प्राप्त करने में मदद मिल सके। यह कार्यक्रम हमारे छात्रों को लाभान्वित करेगा, क्योंकि हमारे प्रतिष्ठित अतिथि अपनी अंतर्दृष्टि और योगदान साझा करेंगे, तथा दुनिया भर के छात्रों को मूल्यवान दृष्टिकोण प्रदान करेंगे। जिससे सहयोग और संयुक्त पहल को बढ़ावा मिलेगा, जो न केवल उच्च शिक्षा को बढ़ाएगा, बल्कि आने वाले वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को भी मजबूत करेगा।"
kk
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