गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद मेयर ने शहरवासियों पर बढ़ाया टैक्स का बोझ, कांग्रेस ने किया कड़ा विरोध
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 29 मार्च। शहर में एक अप्रैल से 12% कमर्शियल प्रॉपर्टी टैक्स और 5% पानी के बिल में सेस बढ़ाने के फैसले को लेकर नगर निगम में घमासान मच गया है। डिप्टी मेयर तरुणा मेहता ने इस बढ़ोतरी को लेकर मेयर हरप्रीत बबला पर सवालों की बौछार कर दी।
डिप्टी मेयर तरुणा मेहता ने कहा कि 7 फरवरी को हुई सदन बैठक में कांग्रेस के कड़े विरोध के बाद मेयर ने स्वयं प्रस्ताव को खारिज करने की घोषणा की थी। ऐसे में अब प्रशासनिक स्तर पर इसे लागू करने का निर्णय क्यों लिया गया? उन्होंने आरोप लगाया कि या तो मेयर की अधिकारियों से मिलीभगत थी या फिर उनकी नगर निगम पर कोई पकड़ नहीं है।
मेहता ने पूछा कि जब हाउस टैक्स असेसमेंट कमेटी बनाई गई थी, तो मेयर ने इसके सदस्यों से चर्चा क्यों नहीं की? "आपको पहले से भनक थी, लेकिन विरोध का सामना करने का साहस नहीं था," उन्होंने कहा।
डिप्टी मेयर ने यह भी सवाल उठाया कि डिफॉल्टरों से बकाया वसूली क्यों नहीं की गई? उन्होंने कहा, "आप केंद्रीय गृहमंत्री से फंड तो ले नहीं पाई, उल्टा शहरवासियों पर टैक्स और सेस का बोझ डाल दिया। 93 करोड़ की जो घोषणा की गई थी, उसका क्या हुआ?"
कांग्रेस ने इस फैसले का कड़ा विरोध करते हुए इसे जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ाने वाला कदम बताया है।
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