CHD: 40 लाख रुपए रिश्वत मामले में डीएसपी राम चंद्र मीणा को 7 साल की सजा, अमन ग्रोवर को 4 साल की कैद
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 29 मार्च: चंडीगढ़ सीबीआई की विशेष अदालत ने 40 लाख रुपए रिश्वत मामले में यूटी पुलिस के निलंबित डीएसपी राम चंद्र मीणा को दोषी करार देते हुए 7 साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा अदालत ने उन पर 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। वहीं, केएलजी होटल ग्रुप के मालिक अमन ग्रोवर को 4 साल की कैद और 20 हजार रुपए का जुर्माना दिया गया है।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला 12 अगस्त 2015 का है, जब सीबीआई की टीम ने ट्रैप लगाकर इकोनॉमिक सेल के एसआई सुरेंद्र और बर्कले ऑटोमोबाइल्स के मालिक संजय दहूजा को 40 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। जब सीबीआई ने मामले की गहराई से जांच की, तो इसमें डीएसपी राम चंद्र मीणा और होटल व्यवसायी अमन ग्रोवर की संलिप्तता भी सामने आई।
कैसे हुआ खुलासा?
सीबीआई को शिकायत मिली थी कि इकोनॉमिक सेल के अधिकारी एक कारोबारी से भारी रकम की मांग कर रहे हैं। इसके बाद सीबीआई की टीम ने जाल बिछाया और एसआई सुरेंद्र व कारोबारी संजय दहूजा को रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया। जांच आगे बढ़ी तो यह स्पष्ट हुआ कि यह रिश्वत डीएसपी मीणा के इशारे पर ली जा रही थी और इसमें अमन ग्रोवर भी शामिल थे।
अदालत का फैसला
सीबीआई की विशेष अदालत ने ठोस सबूतों और गवाहों के बयानों के आधार पर डीएसपी मीणा को 7 साल की सजा और अमन ग्रोवर को 4 साल की सजा सुनाई। डीएसपी मीणा पर 1 लाख का जुर्माना और अमन ग्रोवर पर 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया।
इस फैसले के बाद यूटी पुलिस और प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है। कोर्ट ने इसे लोक सेवकों के भ्रष्टाचार का गंभीर मामला बताते हुए कहा कि ऐसे अधिकारियों को कड़ी सजा मिलनी जरूरी है, ताकि भविष्य में इस तरह के भ्रष्टाचार को रोका जा सके।
सीबीआई की कार्रवाई से बढ़ी सख्ती
इस मामले के बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने भी पुलिस महकमे में भ्रष्टाचार के मामलों पर सख्ती से कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। प्रशासन का कहना है कि भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
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